Kambu_Swayambhuva

कम्बु स्वयम्भुव

Kambu Swayambhuva

(Legendary ruler in northern India)

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कम्बू स्वयंभू : एक महान पूर्वज और राजा

कम्बू स्वयंभू, कम्बूजा जाति के पूर्वज और आर्यदेश के राजा थे। वे एक प्रसिद्ध व्यक्ति थे जिन्हें वैदिक एकात्मता स्तोत्र के 22वें श्लोक में हिंदू ऋषियों, योद्धाओं और विजेताओं के साथ सम्मानित किया गया है। इस स्तोत्र में उनके साथ अगस्त्य, नरसिंहवर्मन प्रथम, राजेंद्र चोल प्रथम, अशोक, पुष्यमित्र शुंग और कई अन्य महान हस्तियाँ शामिल हैं।

कम्बू स्वयंभू की महानता

  • कम्बूजा जाति के पूर्वज: कम्बूजा जाति, जो आज भी दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ भागों में पाई जाती है, को कम्बू स्वयंभू का वंशज माना जाता है।
  • आर्यदेश के राजा: कम्बू स्वयंभू आर्यदेश, जो प्राचीन भारत के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र का नाम था, के राजा थे।
  • वैदिक एकात्मता स्तोत्र में सम्मानित: एकात्मता स्तोत्र एक महत्वपूर्ण वैदिक स्तोत्र है जो हिंदू धर्म के विभिन्न क्षेत्रों के महान व्यक्तियों का सम्मान करता है। कम्बू स्वयंभू को इस स्तोत्र में शामिल किया जाना उनकी महानता का प्रमाण है।

कम्बू स्वयंभू का इतिहास

कम्बू स्वयंभू के जीवन और शासनकाल के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। हालांकि, वैदिक एकात्मता स्तोत्र में उनकी उपस्थिति से यह स्पष्ट होता है कि वे एक महान और प्रभावशाली व्यक्ति थे। उनके नाम से जुड़ी कम्बूजा जाति और आर्यदेश के संबंध से यह भी पता चलता है कि वे प्राचीन भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।

कम्बू स्वयंभू के बारे में और जानें

कम्बू स्वयंभू के जीवन और योगदान के बारे में और जानने के लिए आप प्राचीन भारतीय इतिहास और पुराणों का अध्ययन कर सकते हैं। वैदिक एकात्मता स्तोत्र भी आपको उनकी महानता के बारे में अधिक जानकारी दे सकता है।


Kambu Swayambhuva or Kambu Svayambhuva was an ancestor of the Kambuja tribe and king of Aryadesa. He is listed and praised in shloka 22 of the Vedic Ekatmata Stotra hymn among Hindu sages, warriors and conquerors alongside Agastya, Narasimhavarman I, Rajendra Chola I, Ashoka, Pushyamitra Shunga and others.



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