Aryika

आर्यिका

Aryika

(Female mendicant in Jainism)

Summary
Info
Image
Detail

Summary

Jainism में साध्वी:

आर्यिका , जिन्हें साध्वी भी कहा जाता है, जैन धर्म में महिला सन्यासी होती हैं।

थोड़ा विस्तार से:

  • त्याग और समर्पण: आर्यिका वो महिला होती हैं जिन्होंने सांसारिक जीवन का त्याग करके जैन धर्म के सिद्धांतों को अपनाते हुए संयम और तपस्या का जीवन स्वीकार किया है।
  • मुक्ति का मार्ग: उनका लक्ष्य मोक्ष प्राप्ति है, जिसके लिए वह कठोर नियमों का पालन करते हुए आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रयत्नशील रहती हैं।
  • समाज में भूमिका: साध्वी जी समाज में धर्म प्रचार का कार्य करती हैं, जैन दर्शन और नैतिक मूल्यों का प्रसार करती हैं। वह लोगों को अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह जैसे महाव्रतों का पालन करने की प्रेरणा देती हैं।
  • सम्मान: जैन समाज में साध्वी जी का बहुत सम्मान होता है। लोग उनके उपदेशों को श्रद्धा से सुनते हैं और उनका मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं।
  • जीवन शैली: साध्वी जी का जीवन बेहद सादा होता है। वह पैदल चलती हैं, कम से कम वस्त्र धारण करती हैं और भोजन भी सिमित मात्रा में ही ग्रहण करती हैं।
  • ज्ञान और तप: साध्वी जी धार्मिक ग्रंथों का गहन अध्ययन करती हैं और ध्यान, साधना में समय व्यतीत करती हैं।

महत्वपूर्ण: आर्यिका या साध्वी बनना एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है जो आध्यात्मिक उन्नति की चाह रखने वाली और सांसारिक जीवन त्यागने के लिए तैयार महिलाएं लेती हैं।


Aryika, also known as Sadhvi, is a female mendicant (nun) in Jainism.



...
...
...
...
...
An unhandled error has occurred. Reload 🗙