Deva_(Jainism)

देव (जैन धर्म)

Deva (Jainism)

(Term used for heavenly beings in Jainism)

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देव: जैन धर्म में एक नजर

"देव" एक संस्कृत शब्द है जिसके जैन धर्म में अनेक अर्थ हैं। कई जगहों पर इसका प्रयोग तीर्थंकरों (धर्म के आध्यात्मिक शिक्षक) के लिए किया गया है। लेकिन आम बोलचाल में इसका उपयोग स्वर्गीय प्राणियों के लिए किया जाता है। ये प्राणी नरक के प्राणियों (नारकी) की तरह बिना माता-पिता के विशेष शैय्याओं में तुरंत जन्म लेते हैं। जैन ग्रंथों के अनुसार, जन्म से ही दिव्य दृष्टि (अवधि ज्ञान) देवताओं के पास होती है।

आइए इसे और विस्तार से समझते हैं:

देवों के प्रकार:

जैन धर्म में, देवों को मुख्यतः चार वर्गों में विभाजित किया गया है:

  • भवनवासी: ये देव चौदह स्वर्गों में निवास करते हैं। इनमें 12 कल्पवासी, 8 अनुत्तर विमानवासी और 5 अनुदिश देव शामिल हैं।
  • व्यंतर: ये देव पृथ्वी पर ही विचरण करते हैं और मनुष्यों के साथ रहते हैं।
  • ज्योतिष्क: ये देव सूर्य, चंद्रमा, तारों आदि के रूप में विद्यमान हैं।
  • वैमानिक: ये देव विमानों (उड़ने वाले रथों) में यात्रा करते हैं।

देवों का जीवन:

देवों का जीवन सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण होता है। उनके पास अलौकिक शक्तियाँ और असीम आनंद होता है। हालांकि, उनका जीवन भी सीमित होता है और अंततः उन्हें भी मृत्यु का सामना करना पड़ता है।

देवों की मुक्ति:

जैन धर्म के अनुसार, देव भी मोक्ष (मुक्ति) प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें भी कर्मों का बंधन तोड़कर सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान और सम्यक चारित्र का पालन करना होगा।

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • जैन धर्म में देवों को सर्वोच्च नहीं माना जाता है। तीर्थंकरों को देवों से भी ऊँचा स्थान प्राप्त है।
  • जैन धर्म मूर्ति पूजा को बढ़ावा नहीं देता। जैन धर्म में तीर्थंकरों और देवों की मूर्तियों को केवल ध्यान और आराधना के लिए एक माध्यम माना जाता है।

यह जैन धर्म में "देव" शब्द के अर्थ का एक संक्षिप्त विवरण था।


The Sanskrit word Deva has multiple meanings in Jainism. In many places the word has been used to refer to the Tirthankaras. But in common usage it is used to refer to the heavenly beings. These beings are born instantaneously in special beds without any parents just like hell beings (naraki). According to Jain texts, clairvoyance based on birth is possessed by the celestial beings.



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