Japamala

जपमाला

Japamala

(Indian prayer bead string)

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जप माला: एक विस्तृत विवरण

जप माला, जिसे जाप माला या सिर्फ़ माला भी कहते हैं, एक धार्मिक माला होती है जिसमें प्रार्थना के लिए मोतियों का इस्तेमाल होता है। यह भारतीय धर्मों जैसे हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म और सिख धर्म में आम तौर पर इस्तेमाल होती है।

जप माला का उपयोग:

  • मंत्र जप: मंत्रों का जाप करते समय गिनती रखने के लिए।
  • प्रार्थना: प्रार्थनाओं और पवित्र वाक्यांशों को दोहराते समय।
  • सुरक्षा: बुरी शक्तियों से बचाव के लिए ताबीज की तरह।
  • साधना: धार्मिक अनुष्ठानों जैसे कि किसी पवित्र प्रतिमा के सामने साष्टांग प्रणाम करते समय गिनती रखने के लिए।
  • पहचान: धार्मिक पहचान के प्रतीक के रूप में।

जप माला की संरचना:

  • मोती: एक जप माला में आमतौर पर 108 मोती होते हैं, जो लगभग एक ही आकार और सामग्री के बने होते हैं। 54 या 27 मोतियों वाली छोटी मालाएँ भी मिलती हैं, जो 108 का ही गुणज होती हैं।
  • गुरु मोती: एक अलग 109वाँ मोती, जिसे "गुरु मोती" या "माँ मोती" कहते हैं, अक्सर माला में पाया जाता है। इसकी गिनती जप के दौरान नहीं की जाती।

जप माला की सामग्री:

  • पारंपरिक सामग्री: लकड़ी, पत्थर, रत्न, बीज, हड्डी और कीमती धातुएँ। विभिन्न धर्मों में अलग-अलग सामग्रियों को प्राथमिकता दी जाती है।
  • धागा: रूई, रेशम, या जानवरों के बालों जैसे प्राकृतिक रेशों का उपयोग माला को पिरोने के लिए किया जाता है।
  • आधुनिक सामग्री: आजकल प्लास्टिक या कांच के मोतियों और नायलॉन के धागे का भी उपयोग किया जाता है।

अन्य धर्मों में माला:

जप माला, अन्य धर्मों में इस्तेमाल होने वाली प्रार्थना मालाओं से मिलती-जुलती है, जैसे इस्लाम में मिस्बाहा और ईसाई धर्म में माला।


A japamala, jaap maala, or simply mala is a loop of prayer beads commonly used in Indian religions such as Hinduism, Buddhism, Jainism and Sikhism. It is used for counting recitations (japa) of mantras, prayers or other sacred phrases. It is also worn to ward off evil, to count repetitions within some other form of sadhana such as prostrations before a holy icon. They are also used as symbols of religious identification.



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