Samadhi_of_Ranjit_Singh

रणजीत सिंह की समाधि

Samadhi of Ranjit Singh

(Building in Lahore, Pakistan)

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महाराजा रणजीत सिंह की समाधि: लाहौर में एक ऐतिहासिक स्मारक

लाहौर, पाकिस्तान में स्थित, महाराजा रणजीत सिंह की समाधि 19वीं सदी की एक ऐसी इमारत है जो सिख महाराजा रणजीत सिंह (1780-1839) की अस्थियों को संभालती है। यह समाधि लाहौर किले और बादशाही मस्जिद के ठीक बगल में स्थित है, और गुरुद्वारा डेरा साहिब के भी पास है, जहां सिख धर्म के पांचवें गुरु, गुरु अर्जन देव की मृत्यु हुई थी।

महाराजा रणजीत सिंह की मृत्यु के बाद, 1839 में उनके बेटे और उत्तराधिकारी, महाराजा खड़क सिंह ने समाधि का निर्माण शुरू किया था, जो नौ साल बाद पूरा हुआ। यह समाधि दक्षिण में रणजीत सिंह द्वारा निर्मित हजूर बाग पर नज़र रखती है।

समाधि का निर्माण पत्थर और संगमरमर से किया गया है, जिसमें एक गुंबददार केंद्रीय कक्ष है, जिसमें महाराजा रणजीत सिंह की अस्थियों के लिए एक बड़ा मकबरा है। इस इमारत में विभिन्न कलात्मक नक्काशी और चित्रकारी हैं, जो सिख वास्तुकला और डिजाइन की कलात्मकता को दर्शाती हैं।

यह समाधि सिर्फ एक मकबरा नहीं है बल्कि एक ऐतिहासिक स्मारक है जो सिख साम्राज्य के शानदार इतिहास और महाराजा रणजीत सिंह के योगदान को याद दिलाता है। इसके आस-पास का इलाका भी ऐतिहासिक महत्व रखता है, जो सिख धर्म और संस्कृति के प्रेमीयों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। लाहौर की यात्रा के दौरान इस समाधि को देखना एक अविस्मरणीय अनुभव होगा।


The Samadhi of Ranjit Singh is a 19th-century building in Lahore, Pakistan that houses the funerary urns of the Sikh Maharaja Ranjit Singh. It is located adjacent the Lahore Fort and Badshahi Mosque, as well as the Gurdwara Dera Sahib, which marks the spot where the fifth guru of Sikhism, Guru Arjan Dev, died. Its construction was started by his son and successor, Maharaja Kharak Singh, after the ruler's death in 1839, and completed nine years later. It overlooks the Hazuri Bagh, built by Ranjit Singh, to its south.



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