
च्यवन
Chyavana
(Ancient Hindu sage)
Summary
च्यवन ऋषि: एक संक्षिप्त विवरण
च्यवन (संस्कृत: च्यवन) हिंदू धर्म के एक प्रसिद्ध ऋषि थे। वे भृगु ऋषि के पुत्र थे, जिन्हें उपनिषदों में भृगु वरुणि के रूप में भी जाना जाता है। च्यवन ऋषि अपने कायाकल्प (पुनर्जीवन) के लिए प्रसिद्ध हैं, जो एक विशेष हर्बल पेस्ट (आयुर्वेदिक जाम) या टॉनिक के माध्यम से हुआ था, जिसे च्यवनप्राश के रूप में जाना जाता है। यह पेस्ट अश्विनी देवताओं ने तैयार किया था।
महाभारत के अनुसार, च्यवन ऋषि इतने शक्तिशाली थे कि वे इंद्र के दिव्य वज्र का सामना कर सकते थे। उन्होंने अश्विनी देवताओं को यज्ञ के offerings का हिस्सा दिलाने के लिए एक असुर, मद, का निर्माण किया था।
ऋग्वेद में भी च्यवन का उल्लेख मिलता है (हालांकि वर्तनी थोड़ी भिन्न है: च्यवान)। ऋग्वेद में वे एक वृद्ध और कमजोर व्यक्ति के रूप में वर्णित हैं, जिनकी युवावस्था और शक्ति अश्विनी देवताओं द्वारा बहाल की गई थी (ऋग्वेद VII.68:6)। ऋग्वेद X.61:1-3 में, च्यवन को तुर्वयाण, एक इंद्र भक्त और पाख्थ राजा, का एक कमजोर प्रतिद्वंद्वी के रूप में वर्णित किया गया है, क्योंकि च्यवन अश्विनी देवताओं के करीब थे।
एक परंपरा के अनुसार, च्यवन ने वैवस्वत मनु की बेटी अरुषि से विवाह किया था। उनके पुत्र का नाम और्व था। एक अन्य परंपरा के अनुसार, उन्होंने वैदिक राजा शर्यति की बेटी और वैवस्वत मनु की नातिन सुकन्या से विवाह किया था। उनके दो पुत्र थे: अपनवन और दधीच। उन्हें हरीत और उद्वालक वरुणि के पिता के रूप में भी जाना जाता है।