Guru_Har_Krishan

गुरु हर कृष्ण

Guru Har Krishan

(Eighth Sikh Guru from 1661 to 1664)

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गुरु हरिकृष्ण : बाल गुरु की कहानी

गुरु हरिकृष्ण दस सिख गुरुओं में से आठवें गुरु थे। डाक्टर हरजिंदर सिंह दिलगीर (सिख इतिहास के राष्ट्रीय प्रोफेसर) के अनुसार, गुरु हरिकृष्ण का जन्म 20 जुलाई 1652 को हुआ था। पांच साल की उम्र में, 7 अक्टूबर 1661 को, वे सिख धर्म के सबसे कम उम्र के गुरु बने, अपने पिता, गुरु हर राय के उत्तराधिकारी बने। 1664 में उन्हें चेचक हो गया और अपने आठवें जन्मदिन से पहले ही उनका देहावसान हो गया। कहा जाता है कि अपने अनुयायियों को चेचक से बचाते हुए वे खुद भी इस बीमारी से ग्रस्त हो गए थे।

वे बाल गुरु के रूप में भी जाने जाते हैं, और सिख साहित्य में कभी-कभी हरी कृष्ण साहिब के रूप में भी लिखा जाता है। उन्हें सिख परंपरा में "बाबा बकाल" कहने के लिए याद किया जाता है, जो उनके देहावसान से पहले उन्होंने कहा था। सिखों ने इस बात का अर्थ उनकी मौसी के पति, गुरु तेग बहादुर को अगले उत्तराधिकारी के रूप में मान्यता देने के लिए समझा। गुरु हरिकृष्ण का शासनकाल सबसे कम था, जो केवल दो वर्ष, पांच महीने और 24 दिनों का था।

और विस्तार से:

  • गुरु हरिकृष्ण का जन्म और प्रारंभिक जीवन: गुरु हरिकृष्ण का जन्म 20 जुलाई 1652 को हुआ था। उनके पिता गुरु हर राय थे, जो छठे सिख गुरु थे। उनके बचपन के बारे में बहुत कम जानकारी है।
  • पांच साल की उम्र में गुरु बनना: अपने पिता की मृत्यु के बाद, पांच साल की उम्र में गुरु हरिकृष्ण सिख धर्म के गुरु बन गए। इतनी कम उम्र में उन्हें गुरु पद संभालना, सिख धर्म में एक अद्वितीय घटना है।
  • गुरु हरिकृष्ण का शिक्षण: गुरु हरिकृष्ण का शासनकाल बहुत छोटा था, इसलिए उनके द्वारा दिए गए धार्मिक शिक्षणों के बारे में बहुत जानकारी नहीं है। लेकिन कहा जाता है कि उन्होंने अपने अनुयायियों को भक्ति, सत्य और करुणा का महत्व सिखाया।
  • चेचक और देहावसान: 1664 में, गुरु हरिकृष्ण को चेचक हो गया। वे अपने अनुयायियों को इस बीमारी से बचाने के लिए खुद भी इससे ग्रस्त हो गए थे। 30 मार्च 1664 को, अपने आठवें जन्मदिन से पहले ही उनका देहावसान हो गया।
  • "बाबा बकाल" : उत्तराधिकारी का संकेत: गुरु हरिकृष्ण ने अपने देहावसान से पहले "बाबा बकाल" कहा था। यह शब्द उनके मौसी के पति, गुरु तेग बहादुर को अगले उत्तराधिकारी के रूप में इंगित करता था। सिख धर्म में इस वाक्य को बहुत महत्व दिया जाता है।

गुरु हरिकृष्ण का छोटा सा जीवन सिख धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। वे एक नन्हे गुरु थे जिन्होंने अपने जीवन काल में कई महत्वपूर्ण शिक्षाएँ दीं और अपने अनुयायियों के लिए एक प्रेरणा बने रहे।


Guru Har Krishan was the eighth of the ten Sikh Gurus. According to Dr Harjinder Singh Dilgeer, Guru Harkrishan was born on 20 July 1652. At the age of five, he became the youngest Guru in Sikhism on 7 October 1661, succeeding his father, Guru Har Rai. He contracted smallpox in 1664 and died before reaching his eighth birthday. It is said that he died because he contracted smallpox while successfully curing his followers.



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