Juranpur_Satipith

जुरानपुर सतीपीठ

Juranpur Satipith

(Shakti Peetha)

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जूरणपुर शक्तिपीठ: विस्तृत विवरण

जूरणपुर शक्तिपीठ भारत के 51 प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है, जो पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के कालीगुंज सीडी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले जूरणपुर गाँव में स्थित है। हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, दक्षयज्ञ के दौरान देवी सती के माथे का भाग यहीं गिरा था। इस कारण से यह स्थान हिन्दू तीर्थयात्रियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

यहाँ एक विशाल बरगद के पेड़ के नीचे एक पत्थर को देवी जय दुर्गा के रूप में पूजा जाता है। पेड़ के पास ही एक छोटा मंदिर भी है जहाँ भैरव देव की पूजा होती है। 19वीं शताब्दी की शुरुआत तक, यह शक्तिपीठ भागीरथी नदी के किनारे, कटवा के सामने स्थित था, लेकिन आज नदी इस पीठ से लगभग एक किलोमीटर पश्चिम में बहती है। नदी के धारा परिवर्तन के कारण पीठ का स्थान अब नदी तट से थोड़ा दूर हो गया है।

प्रत्येक वर्ष माघ पूर्णिमा के अवसर पर यहाँ एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। यह मेला धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों ही दृष्टि से महत्वपूर्ण है। मेले में भजन-कीर्तन, प्रसाद वितरण और अन्य धार्मिक अनुष्ठान होते हैं। स्थानीय लोग और दूर-दूर से आए श्रद्धालु इस मेले में हिस्सा लेकर देवी जय दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस पवित्र स्थान का वातावरण शांति और आध्यात्मिकता से परिपूर्ण रहता है। यह केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, अपितु इतिहास और संस्कृति का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र है।


Juranpur Satipith is one of the 51 Hindu holy places in India in the village of Juranpur, under Kaligunge CD Block in Nadia district of West Bengal. According to Hindu mythology the forehead of Goddess Sati was fallen in this place after Daksha Jagga. Juranpur is a place for Hindu pilgrimage. Here a stone is worshipped as Goddess Joy Durga which is placed under a big Banyan tree. By the side of the tree there is a small temple where God is worshipped in the name of Bhairav. Up to the early 19th century, this Pith was situated on the bank of the Bhagirathi River, opposite of Katwa but today the river flows about one kilometer west of the Pith. A fair is organized there every year in Magha Purnima.



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