
सिख धर्म में निषेध
Prohibitions in Sikhism
(List of banned practices in Sikhism)
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सिख धर्म में निषेध
सिख धर्म के अनुयायी कई तरह के निषेधों का पालन करते हैं। किसी भी धर्म या समूह के अनुयायियों की तरह, इनका पालन प्रत्येक व्यक्ति द्वारा अलग-अलग तरीके से किया जाता है।
आगे कुछ प्रमुख निषेधों का विस्तृत विवरण:
- कटिंग या केश कर्तन: सिख धर्म में केशों को ईश्वर द्वारा प्रदत्त उपहार माना जाता है और इसे काटना मना है। यह ईश्वर की रचना में हस्तक्षेप का प्रतीक माना जाता है। सिख पुरुष और महिलाएं दोनों ही अपने केशों को बिना काटे रखते हैं और उन्हें संभाल कर रखने के लिए पगड़ी या दुपट्टे का इस्तेमाल करते हैं।
- मांसाहार: हालाँकि मांसाहार पर सख्त पाबंदी नहीं है, अधिकांश सिख शाकाहारी होते हैं। सिख धर्म में जीव हत्या को पाप माना जाता है और अहिंसा पर जोर दिया जाता है।
- नशीले पदार्थों का सेवन: सिख धर्म में शराब, तंबाकू, और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन पूरी तरह से वर्जित है। यह माना जाता है कि इन पदार्थों का सेवन शरीर और मन को दूषित करता है और व्यक्ति को आध्यात्मिक प्रगति से दूर ले जाता है।
- अंधविश्वास: सिख धर्म तर्क और विवेक पर आधारित है और अंधविश्वासों का खंडन करता है। ज्योतिष, टोना-टोटका, जादू-टोना जैसी प्रथाओं को सिख धर्म में कोई स्थान नहीं है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये सिख धर्म में पाए जाने वाले कुछ प्रमुख निषेध हैं और इनके अलावा भी कई अन्य नियम और मान्यताएं हैं। सिख धर्म के अनुयायी इन निषेधों का पालन अपनी श्रद्धा और समझ के अनुसार करते हैं।
Adherents of Sikhism follow a number of prohibitions. As with any followers of any faith or group, adherence varies by each individual.