
मौर्य साम्राज्य
Maurya Empire
(Ancient Indian empire (322–184 BCE))
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मौर्य साम्राज्य
मौर्य साम्राज्य, प्राचीन भारत का एक शक्तिशाली और विशाल साम्राज्य था, जिसका शासनकाल लौह युग के दौरान रहा। यह साम्राज्य मगध में स्थित था और अशोक के समय में इसे मगधे के नाम से जाना जाता था। इसकी स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में की थी। यद्यपि यह साम्राज्य 185 ईसा पूर्व तक अस्तित्व में रहा, लेकिन अशोक के बाद इसका प्रभाव कम होता गया।
भौगोलिक विस्तार और शासन:
- मौर्य साम्राज्य का केंद्रीय क्षेत्र गंगा के मैदान में स्थित था और इसकी राजधानी पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) थी।
- साम्राज्य की सीमाओं का विस्तार सेनापतियों की वफ़ादारी पर निर्भर करता था जो साम्राज्य के भीतर विभिन्न शहरों में तैनात थे।
- सम्राट अशोक (लगभग 268-232 ईसा पूर्व) के शासनकाल के दौरान, साम्राज्य ने पूरे भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश हिस्सों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया था, सिवाय सुदूर दक्षिण के।
उदय और विस्तार:
- चाणक्य, जो अर्थशास्त्र के रचयिता थे, की सहायता से चंद्रगुप्त मौर्य ने एक विशाल सेना खड़ी की और नंद साम्राज्य को पराजित कर लगभग 322 ईसा पूर्व में मौर्य साम्राज्य की नींव रखी।
- चंद्रगुप्त ने सिकंदर महान के द्वारा छोड़े गए क्षत्रपों को हराकर पश्चिम भारत में अपने साम्राज्य का विस्तार किया। 317 ईसा पूर्व तक, मौर्य साम्राज्य ने उत्तर-पश्चिमी भारत को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया था।
- मौर्य साम्राज्य ने सेल्यूकस प्रथम, जो कि सेल्यूसिड साम्राज्य का संस्थापक था, को सेल्यूसिड-मौर्य युद्ध में हराया और सिंधु नदी के पश्चिम के क्षेत्र पर भी अधिकार कर लिया।
प्रशासन और समाज:
- मौर्य साम्राज्य एक सुव्यवस्थित प्रशासन तंत्र पर आधारित था। एक कुशल वित्तीय प्रणाली, प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था ने आंतरिक और बाहरी व्यापार, कृषि और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया।
- मौर्य वंश ने पाटलिपुत्र से तक्षशिला तक एक राजमार्ग का निर्माण कराया, जो ग्रैंड ट्रंक रोड का पूर्ववर्ती था।
- कलिंग युद्ध के बाद, अशोक ने लगभग आधी सदी तक एक केंद्रीकृत शासन स्थापित किया।
- अशोक ने बौद्ध धर्म को अपनाया और बौद्ध भिक्षुओं को संरक्षण दिया, जिससे इस धर्म का प्रसार श्रीलंका, उत्तर-पश्चिमी भारत और मध्य एशिया तक हुआ।
सांस्कृतिक उपलब्धियां:
- मौर्य काल में कला, स्थापत्य कला, अभिलेखों और साहित्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई।
- अर्थशास्त्र और अशोक के शिलालेख मौर्यकालीन इतिहास के महत्वपूर्ण लिखित स्रोत हैं।
- सारनाथ में स्थित अशोक स्तंभ का सिंह शीर्ष भारत गणराज्य का राष्ट्रीय प्रतीक है।
पतन:
- अशोक की मृत्यु के बाद, मौर्य साम्राज्य का पतन शुरू हो गया।
- 185 ईसा पूर्व में पुष्यमित्र शुंग ने अंतिम मौर्य सम्राट बृहद्रथ की हत्या कर दी और मगध में शुंग वंश की स्थापना की।
मौर्य साम्राज्य प्राचीन भारत के इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय था। इसने एक शक्तिशाली और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय संस्कृति और सभ्यता पर अपना अमिट प्रभाव छोड़ा।
The Maurya Empire was a geographically extensive Iron Age historical power in South Asia based in Magadha. Founded by Chandragupta Maurya in 322 BCE, it existed in loose-knit fashion until 185 BCE. The empire was centralized by the conquest of the Indo-Gangetic Plain; its capital city was located at Pataliputra. Outside this imperial centre, the empire's geographical extent was dependent on the loyalty of military commanders who controlled the armed cities scattered within it. During Ashoka's rule, the empire briefly controlled the major urban hubs and arteries of the Indian subcontinent excepting the deep south. It declined for about 50 years after Ashoka's rule, and dissolved in 185 BCE with the assassination of Brihadratha by Pushyamitra Shunga and foundation of the Shunga dynasty in Magadha.