Parinirvana

निर्वाण

Parinirvana

(In Buddhism, the state someone who has attained nirvana during their lifetime and died)

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Parinirvana: बौद्ध धर्म में मुक्ति का अंतिम पड़ाव

बौद्ध धर्म में, परिनिर्वाण (Parinirvana) उस अवस्था को दर्शाता है जो किसी व्यक्ति द्वारा मृत्यु के बाद प्राप्त होती है जिसने अपने जीवनकाल में ही निर्वाण (Nirvana) प्राप्त कर लिया हो।

आइए, इसे और सरल शब्दों में समझते हैं:

  • संसार से मुक्ति: परिनिर्वाण का अर्थ है जन्म और मृत्यु के चक्र, जिसे संसार (Samsara) कहा जाता है, से पूर्ण रूप से मुक्ति।
  • कर्म और पुनर्जन्म से मुक्ति: यह व्यक्ति को कर्म के बंधन और बार-बार जन्म लेने के चक्र से भी मुक्त करता है।
  • स्कन्धों का विघटन: परिनिर्वाण में पाँच स्कन्धों (Skandhas) - रूप, वेदना, संज्ञा, संस्कार, और विज्ञान - का भी विघटन हो जाता है, जो कि अस्थायी रूप से मिलकर एक व्यक्ति की पहचान बनाते हैं।

महायान बौद्ध धर्म का दृष्टिकोण:

कुछ महायान बौद्ध ग्रंथों, विशेष रूप से महायान महापरिनिर्वाण सूत्र (Mahayana Mahaparinirvana Sutra) में, परिनिर्वाण को बुद्ध के शाश्वत और सच्चे आत्म (Self) के क्षेत्र के रूप में वर्णित किया गया है।

कला में चित्रण:

बौद्ध कला में, परिनिर्वाण की घटना को अक्सर शिष्यों से घिरे हुए लेटे हुए बुद्ध की आकृति द्वारा दर्शाया जाता है।

संक्षेप में, परिनिर्वाण बौद्ध धर्म में पूर्ण मुक्ति और आत्मज्ञान की अंतिम अवस्था है।


In Buddhism, parinirvana describes the state entered after death by someone who has attained nirvana during their lifetime. It implies a release from Saṃsāra, karma and rebirth as well as the dissolution of the skandhas.



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