
संतारा राजवंश
Santara dynasty
(Medieval ruling dynasty of Karnataka, India)
Summary
संतारा राजवंश
संतारा या भैरारस राजवंश, मध्यकालीन भारत के कर्नाटक क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण शासक वंश था। इनका राज्य मालेनडु क्षेत्र से लेकर कर्नाटक के तटीय जिलों तक फैला हुआ था। उनके राज्य की दो राजधानियाँ थीं: तटीय मैदानों में कार्कल और पश्चिमी घाट में कलसा। इसलिए, उनके शासन वाले क्षेत्र को कलसा-कार्कल साम्राज्य के नाम से भी जाना जाता था।
संतारा जैन धर्म के अनुयायी थे और उनका वैवाहिक संबंध शैव अलुपा राजघराने से था। विजयनगर साम्राज्य के उदय के बाद, संतारा उनकी सामंती रियासत बन गए। इस अवधि के दौरान, संतारा शासक वीर पंड्या भैरारस ने कार्कल में बाहुबली की विशाल प्रतिमा का निर्माण करवाया था।
केलाडी के नायकों और बाद में हैदर अली के आक्रमणों के बाद यह राजवंश गुमनामी में खो गया।
यहाँ संतारा राजवंश के बारे में कुछ अतिरिक्त विवरण दिए गए हैं:
- धर्म: हालांकि संतारा जैन धर्म के अनुयायी थे, उन्होंने अन्य धर्मों के प्रति भी सहिष्णुता दिखाई।
- कला और संस्कृति: संतारा शासन के दौरान कला और संस्कृति का विकास हुआ। कार्कल में बाहुबली की विशाल प्रतिमा इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
- प्रशासन: संतारा शासन कुशल था और उन्होंने अपने साम्राज्य में शांति और समृद्धि स्थापित की।
- पतन: केलाडी नायकों और हैदर अली के आक्रमणों के कारण संतारा साम्राज्य का पतन हुआ।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि संतारा राजवंश के बारे में जानकारी सीमित है। हमें उनके इतिहास के बारे में और जानने के लिए पुरातात्विक और ऐतिहासिक शोध की आवश्यकता है।