
आलमपुरम (हेमलापुरम)
Alampuram (Hemalapuram)
(Mandal in Telangana, India)
Summary
आलंपुर (हेमालापुरम): तेलंगाना का एक पवित्र तीर्थस्थल
आलंपुर, तेलंगाना राज्य के जोगुलांबा गाडवाल जिले में स्थित एक शहर है। यह शाक्त धर्म का एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है और यहाँ सातवीं और आठवीं शताब्दी ईस्वी में निर्मित नौ ब्रह्मा मंदिरों का एक समूह भी है, जो शिव को समर्पित हैं। यह तुंगभद्रा और कृष्णा नदियों का संगम स्थल है और इसे दक्षिण काशी के रूप में भी जाना जाता है और इसे श्रीशैलम का पश्चिमी प्रवेश द्वार भी माना जाता है। स्कन्द पुराण में आलंपुर की पवित्रता का उल्लेख मिलता है। यह नल्लामाला पहाड़ियों से घिरा हुआ है और तुंगभद्रा नदी के बाएँ तट पर स्थित है।
आलंपुर का इतिहास और वास्तुकला:
आलंपुर पर बादामी चालुक्यों का शासन था, जिन्होंने शिव मंदिरों के 9 समूहों का निर्माण करवाया। उनके बाद, मण्यखेटा के राष्ट्रकूटों और कर्नाटक के पश्चिमी चालुक्यों ने पापनाशी मंदिरों का निर्माण करवाया। आलंपुर में कई तेलुगु और प्राचीन कन्नड़ शिलालेख भी मौजूद हैं। यहाँ अनेक हिंदू मंदिर हैं, जिनमें से प्रमुख हैं: जोगुलांबा मंदिर, नवब्रह्मा मंदिर, पापनाशी मंदिर और संगमेश्वर मंदिर।
जोगुलांबा मंदिर: यह अठारह महा शक्ति पीठों में से एक है, जो शाक्त धर्म के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं।
नवब्रह्मा मंदिर: ये नौ मंदिर शिव को समर्पित हैं, जो सातवीं और आठवीं शताब्दी ईस्वी में बादामी चालुक्यों द्वारा बनवाए गए थे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा तैयार की गई "स्मारकों की आधिकारिक सूची" में नवब्रह्मा मंदिरों को एक पुरातात्विक और स्थापत्य खजाने के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
पापनाशी मंदिर: ये तेईस हिंदू मंदिरों का एक समूह है, जिनकी तिथि 9वीं से 11वीं शताब्दी के बीच है और ये आलंपुर से 2.5 किमी दक्षिण-पश्चिम में पापनाशी गाँव में स्थित हैं। पापनाशी मंदिर शैव परंपरा के नवब्रह्मा मंदिरों के निकट हैं, लेकिन कुछ शताब्दियों बाद राष्ट्रकूटों और पश्चिमी चालुक्यों द्वारा निर्मित किए गए थे।
आलंपुर अपने ऐतिहासिक महत्व, वास्तुकला की सुंदरता और धार्मिक महत्त्व के कारण एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। यह क्षेत्र अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी जाना जाता है, जो इसे एक आकर्षक पर्यटन स्थल बनाता है।