
बौद्ध धर्म के स्कूल
Schools of Buddhism
(Institutional and doctrinal divisions of Buddhism)
Summary
बौद्ध धर्म के विद्यालय: एक विस्तृत दृष्टिकोण
बौद्ध धर्म के विद्यालय प्राचीन काल से लेकर आज तक मौजूद विभिन्न संस्थागत और सिद्धांतिक विभाजन हैं। बौद्ध धर्म के विद्यालयों के विभिन्न सिद्धांतिक, दार्शनिक या सांस्कृतिक पहलुओं का वर्गीकरण और प्रकृति अस्पष्ट है और इसकी व्याख्या कई अलग-अलग तरीकों से की गई है, जो अक्सर विभिन्न संप्रदायों, उप-संप्रदायों, आंदोलनों आदि की विशाल संख्या (शायद हजारों) के कारण होता है जिन्होंने बौद्ध परंपराओं को बनाया है या वर्तमान में बना रहे हैं। बौद्ध विचार के संप्रदायिक और वैचारिक विभाजन, एशिया में तुलनात्मक धर्म के साथ-साथ बौद्ध अध्ययन के आधुनिक ढाँचे का हिस्सा हैं।
एक बड़े पैमाने पर अंग्रेजी भाषा के दृष्टिकोण से, और कुछ हद तक पश्चिमी शिक्षाविदों में, बौद्ध धर्म को दो समूहों में विभाजित किया जाता है: थेरवाद (lit. 'बुजुर्गों की शिक्षा' या 'प्राचीन शिक्षा'), और महायान (lit. 'महान वाहन'). विद्वानों के बीच सबसे आम वर्गीकरण तीन गुना है: थेरवाद, महायान और वज्रयान।
थेरवाद:
- थेरवाद बौद्ध धर्म बौद्ध धर्म की सबसे पुरानी मौजूदा परंपरा है। यह भारत के मूल बौद्ध धर्म से निकला है और इसमें "तीन रत्न" (बुद्ध, धर्म, संघ) में विश्वास करना शामिल है।
- थेरवाद बौद्ध धर्म व्यक्तिगत मुक्ति पर जोर देता है, जिसे "निर्वाण" कहा जाता है, जो पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति है।
- यह परंपरा "पाली कैनन" पर आधारित है, जो बौद्ध धर्म की शिक्षाओं का एक प्राचीन संग्रह है।
- थेरवाद बौद्ध धर्म का अभ्यास मुख्य रूप से दक्षिण पूर्व एशिया में किया जाता है, जिसमें श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमार, कंबोडिया, लाओस और वियतनाम शामिल हैं।
महायान:
- महायान बौद्ध धर्म भारत में 1वीं शताब्दी ईस्वी में उभरा और इसके बाद पूर्वी एशिया में फैल गया।
- महायान बौद्ध धर्म "बोधिसत्व" के आदर्श पर जोर देता है, जो ज्ञान प्राप्त करने के बाद भी निर्वाण में प्रवेश करने से इनकार करता है, ताकि दूसरों की मदद कर सके।
- महायान बौद्ध धर्म कई अलग-अलग स्कूलों में विभाजित है, जिनमें से सबसे प्रमुख हैं:
- चीन: चान (जापानी में "ज़ेन")
- तिब्बत: वज्रयान
- जापान: निचिरेन, जोडो शुंशु, टीएंडाई
- कोरिया: सोन, चोँग, जोँग
वज्रयान:
- वज्रयान, जिसे "तंत्र" या "मंत्र" भी कहा जाता है, महायान बौद्ध धर्म का एक रूप है जो तिब्बत और नेपाल में 7वीं शताब्दी ईस्वी में उभरा।
- वज्रयान बौद्ध धर्म में ध्यान, मंत्र, मंडल और अन्य तंत्रात्मक अभ्यास शामिल हैं जो बुद्धत्व प्राप्त करने के लिए तेजी से मार्ग प्रदान करते हैं।
- वज्रयान बौद्ध धर्म को अक्सर "तंत्र" कहा जाता है, क्योंकि यह अपने अभ्यास में तंत्रों का उपयोग करता है।
- वज्रयान बौद्ध धर्म का अभ्यास मुख्य रूप से तिब्बत, नेपाल, भूटान, मंगोलिया और रूस में किया जाता है।
बौद्ध धर्म के विद्यालयों में बौद्ध धर्म की शिक्षाओं को समझने में कई अलग-अलग तरीके हैं, लेकिन ये तीन मुख्य श्रेणियाँ शायद सबसे आम हैं। प्रत्येक स्कूल की अपनी विशिष्ट शिक्षाएँ, अनुष्ठान और अभ्यास हैं, जो इसे एक समृद्ध और विविध धर्म बनाता है।