
जोरावर सिंह (डोगरा जनरल)
Zorawar Singh (Dogra general)
(Dogra general of the Sikh Empire (1784–1841))
Summary
जवान सिंह: हिमालय के महान विजेता
जवान सिंह (1784-12 दिसंबर 1841), पंजाब के महान राजा रणजीत सिंह के एक सैन्य जनरल थे। वे किश्तवार के गवर्नर (वाज़ीर-ए-वज़ारत) थे और उन्होंने लद्दाख और बाल्टिस्तान को जीतकर राज्य के क्षेत्र को विस्तारित किया। वे पश्चिमी तिब्बत (नगरी खोरसुम) को जीतने के लिए भी साहसिक प्रयास किया, लेकिन डोगरा-तिब्बती युद्ध के दौरान तो-यो की लड़ाई में मारे गए।
हिमालय में उनके विजयों (लद्दाख, तिब्बत, बाल्टिस्तान और स्कार्दू सहित) के कारण, उन्हें "भारत का नेपोलियन" और "लद्दाख का विजेता" कहा जाता है।
जवान सिंह की विजयों का विस्तृत विवरण:
- किश्तवार: जवान सिंह ने अपनी सैन्य प्रतिभा से रणजीत सिंह का विश्वास जीता और उन्हें किश्तवार का गवर्नर बनाया गया। उन्होंने किश्तवार को शासन करने और स्थानीय लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाए।
- लद्दाख: 1834 में, जवान सिंह ने लद्दाख पर आक्रमण किया। लद्दाख के शासक ने उन्हें कड़ी चुनौती दी, लेकिन जवान सिंह के नेतृत्व में डोगरा सेना ने लद्दाख पर विजय प्राप्त की।
- बाल्टिस्तान: लद्दाख पर विजय के बाद, जवान सिंह ने बाल्टिस्तान पर भी आक्रमण किया। बाल्टिस्तान के शासक को भी हराकर, जवान सिंह ने रणजीत सिंह के राज्य के लिए एक और महत्वपूर्ण क्षेत्र हासिल किया।
- तिब्बत: जवान सिंह ने पश्चिमी तिब्बत (नगरी खोरसुम) पर आक्रमण करने की योजना बनाई। 1841 में, वह अपनी सेना के साथ तिब्बत में घुस गए। हालाँकि, तो-यो की लड़ाई में, जवान सिंह और उनके कई सैनिक मारे गए।
जवान सिंह की विरासत:
जवान सिंह एक कुशल सैन्य जनरल होने के साथ-साथ एक निपुण प्रशासक भी थे। उन्होंने जीते हुए क्षेत्रों में शांति स्थापित की और प्रशासन को सुचारू रूप से चलाया। उनकी विजयों से रणजीत सिंह का राज्य मजबूत हुआ और हिमालय क्षेत्र में डोगरा साम्राज्य का दबदबा स्थापित हुआ।
जवान सिंह की कहानी हिमालय के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है और उनकी विजयें सदैव याद रखी जाएँगी।