
इंडोस्फीयर
Indosphere
(Culturo-linguistic area of Asia)
Summary
Indosphere: भारत के सांस्कृतिक और भाषाई प्रभाव वाला क्षेत्र
"इंडोस्फीयर" शब्द का प्रयोग भाषाविद् जेम्स मैटिसॉफ ने उन क्षेत्रों के लिए किया था जहाँ भारत का भाषाई और सांस्कृतिक प्रभाव देखा जा सकता है। यह क्षेत्र मुख्यतः दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्वी एशिया में फैला हुआ है।
सरल शब्दों में: "इंडोस्फीयर" मतलब ऐसे इलाके जहाँ भारत का कल्चर और भाषा का असर दिखता है, जैसे गाने, खाना, रहन-सहन, इमारतें, त्योहार और बोली में।
विस्तार से:
- क्षेत्र: यह क्षेत्र दक्षिण एशिया (भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, मालदीव, भूटान), दक्षिण पूर्व एशिया (म्यांमार, थाईलैंड, कंबोडिया, लाओस, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, ब्रुनेई, पूर्वी तिमोर) और कुछ हद तक पूर्वी एशिया (चीन, जापान, कोरिया) तक फैला हुआ है।
- प्रभाव: इस प्रभाव के पीछे मुख्यतः हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म का प्रसार रहा है। सदियों से व्यापार, राजनीति और सामाजिक संबंधों के कारण इन क्षेत्रों में भारतीय संस्कृति का गहरा प्रभाव पड़ा है।
- उदाहरण:
- वास्तुकला: अंगकोरवाट मंदिर (कंबोडिया), बोरोबुदुर मंदिर (इंडोनेशिया)
- भाषा: थाई, मलय, खमेर भाषाओं में संस्कृत के अनेक शब्द मिलते हैं.
- त्योहार: थाईलैंड में सोंगक्रान (नए साल का त्यौहार), लाओस में बुन् पिमाय (लाओ नव वर्ष)
- कला: रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों पर आधारित नाटक और नृत्य
- रहन-सहन: नमस्ते करके अभिवादन, धोती-कुर्ता जैसे परंपरागत वस्त्र
Sino sphere से तुलना:
"इंडोस्फीयर" शब्द का प्रयोग अक्सर "सिनोस्फीयर" के विपरीत किया जाता है। "सिनोस्फीयर" से तात्पर्य उन क्षेत्रों से है जहाँ चीनी संस्कृति का प्रभाव दिखाई देता है, जैसे कोरिया, जापान, वियतनाम आदि।
संक्षेप में, "इंडोस्फीयर" एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ भारतीय संस्कृति और भाषा का गहरा प्रभाव देखा जा सकता है, जो सदियों से चली आ रही सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक क्रियाओं का परिणाम है।