ज्वालामुखी
Jawalamukhi
(Town in Himachal Pradesh, India)
Summary
ज्वालामुखी: हिमाचल प्रदेश का पवित्र तीर्थस्थल
ज्वालामुखी, जिसे ज्वालाजी भी कहा जाता है, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित एक मंदिर शहर और नगर परिषद है। यह शहर अपने पवित्र ज्वालामुखी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पर हिन्दू वंशावली रजिस्टर, हरिद्वार की तरह, सुरक्षित रखे जाते हैं। इसका ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व अत्यंत गहरा है।
मंदिर का इतिहास और महत्व:
ज्वालामुखी मंदिर की स्थापना प्राचीन काल में हुई मानी जाती है। इस मंदिर में देवी सती की ज्वाला के रूप में पूजा की जाती है, माना जाता है कि यहाँ देवी सती की जीभ गिरी थी। यह स्थान सदियों से तीर्थयात्रियों के लिए आस्था का केंद्र रहा है। मंदिर की वास्तुकला और शिल्पकला अद्वितीय है, जो इसकी प्राचीनता और धार्मिक महत्व को दर्शाती है।
फिरोज़ शाह तुगलक का आक्रमण:
अपने नागरकोट अभियान के दौरान, फिरोज़ शाह तुगलक ने ज्वालामुखी मंदिर को नष्ट करने और उसके मुख्य देवता का अपमान करने का प्रयास किया था। इस घटना का उल्लेख इतिहास में मिलता है, जो इस मंदिर के महत्व और उस समय के राजनीतिक माहौल को दर्शाता है। यह आक्रमण न केवल मंदिर की भौतिक संरचना को नुकसान पहुँचाता है, बल्कि यह उस समय की धार्मिक स्वतंत्रता पर भी सवाल उठाता है।
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व:
फिरोज़ शाह तुगलक ने इस मंदिर की लाइब्रेरी से 1300 संस्कृत पांडुलिपियों को चुराया था। यह उल्लेखनीय है कि उसने इन्हें फ़ारसी भाषा में अनुवाद करवाया था। यह पहला ऐसा अवसर था जब किसी सुल्तानशाही प्रशासन ने इस स्तर पर संस्कृत से फ़ारसी में अनुवाद का कार्य करवाया था। यह घटना भारतीय इतिहास में सांस्कृतिक आदान-प्रदान और उस समय के शासकों के रुचियों पर प्रकाश डालती है। इससे यह भी पता चलता है कि ज्वालामुखी मंदिर में एक समृद्ध पुस्तकालय मौजूद था, जिसमें महत्वपूर्ण साहित्यिक और धार्मिक ग्रंथ थे।
आधुनिक ज्वालामुखी:
आज, ज्वालामुखी एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल और पर्यटन स्थल दोनों है। यहाँ विभिन्न प्रकार के आवास और भोजन की सुविधाएँ उपलब्ध हैं, जो तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए सुविधाजनक है। यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है, जो पहाड़ों, वनों और नदियों से समृद्ध है।