Vajrayana

वज्रयान

Vajrayana

(Indian Buddhist tantric tradition)

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वज्रयान: एक विस्तृत विवरण (Detailed Description of Vajrayana in Hindi)

वज्रयान, जिसे मंत्रयान, मंत्रनाय, गुह्यमंत्रयान, तंत्रयान, तांत्रिक बौद्ध धर्म, और गुप्त बौद्ध धर्म भी कहा जाता है, बौद्ध धर्म की एक तांत्रिक परंपरा है। यह परंपरा भारतीय उपमहाद्वीप में विकसित हुई और तिब्बत, नेपाल, अन्य हिमालयी राज्यों, पूर्वी एशिया और मंगोलिया तक फैली।

नामकरण (Nomenclature):

  • वज्रयान (Vajrayana): "वज्र" का अर्थ है "हीरा" या "वज्र" जो अविनाशी और अत्यंत शक्तिशाली होता है। यह ज्ञान और जागृति की अविनाशी और तीव्र प्रकृति का प्रतीक है।
  • मंत्रयान (Mantrayana): यह नाम "मंत्र" के उपयोग पर जोर देता है जो ध्वनियों और शब्दांशों के माध्यम से विशिष्ट ऊर्जाओं और गुणों को सक्रिय करने के लिए उपकरण हैं।
  • गुह्यमंत्रयान (Guhyamantrayana): "गुप्त" का अर्थ है "गुप्त" या "रहस्यमय", जो इस परंपरा के गूढ़ उपदेशों को दर्शाता है जो केवल योग्य शिष्यों को ही प्रदान किए जाते हैं।

इतिहास और उत्पत्ति (History and Origin):

वर्तमान ऐतिहासिक विद्वानों के अनुसार, वज्रयान अभ्यास मध्ययुगीन भारत के तांत्रिक युग (लगभग 5 वीं शताब्दी ईस्वी के बाद) में उत्पन्न हुआ था। हालाँकि, पारंपरिक रूप से, वज्रयान के अनुयायी और ग्रंथ दावा करते हैं कि ये शिक्षाएँ ऐतिहासिक बुद्ध (लगभग 5 वीं शताब्दी ईसा पूर्व) या अन्य पौराणिक बुद्धों और बोधिसत्वों (जैसे, वज्रपाणि) से चली आ रही हैं।

मुख्य विशेषताएं (Key Features):

  • गुरु-शिष्य परंपरा (Guru-Disciple Lineage): वज्रयान अभ्यास बौद्ध धर्म में विशिष्ट वंशों से जुड़े होते हैं, जो वंश धारकों की शिक्षाओं के माध्यम से प्रेषित होते हैं।
  • तांत्रिक ग्रंथ (Tantric Texts): इन शिक्षाओं को "तंत्र" नामक ग्रंथों में संरक्षित किया गया है। कुछ लोग इन्हें बौद्ध तंत्र भी कहते हैं।
  • साधनाएँ (Practices): वज्रयान में मंत्र, धारणी, मुद्रा, मंडल और देवी-देवताओं और बुद्धों के ध्यान का उपयोग करने वाले अभ्यास शामिल हैं।

तीन यान (Three Yanas):

वज्रयान ग्रंथों के अनुसार, "वज्रयान" शब्द ज्ञान प्राप्ति के तीन मार्गों या यानों में से एक को संदर्भित करता है। अन्य दो हैं:

  • श्रावकयान (Sravakayana): यह मार्ग व्यक्तिगत मुक्ति पर केंद्रित है और इसे कभी-कभी "हीनयान" (निम्न मार्ग) के रूप में भी जाना जाता है।
  • महायान (Mahayana): यह मार्ग सभी प्राणियों के कल्याण के लिए बोधिसत्व के आदर्श पर जोर देता है और इसे कभी-कभी "परमितायान" भी कहा जाता है।

वर्तमान परंपराएँ (Current Traditions):

वर्तमान में प्रचलित कई बौद्ध तांत्रिक परंपराएँ हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • तिब्बती बौद्ध धर्म (Tibetan Buddhism)
  • चीनी गूढ़ बौद्ध धर्म (Chinese Esoteric Buddhism)
  • शिंगोन बौद्ध धर्म (Shingon Buddhism)
  • नेवार बौद्ध धर्म (Newar Buddhism)

ऐतिहासिक रूप से, अन्य गूढ़ बौद्ध परंपराएँ भी थीं, जैसे कि समुद्री दक्षिण पूर्व एशिया की, जो अब प्रचलित नहीं हैं।

सारांश (Summary):

वज्रयान बौद्ध धर्म की एक समृद्ध और जटिल परंपरा है जो तांत्रिक अभ्यासों के माध्यम से त्वरित ज्ञान प्राप्ति पर जोर देती है। यह गुरु-शिष्य वंश, मंत्र, ध्यान और दृश्यीकरण जैसी तकनीकों के माध्यम से मन की परिवर्तनकारी क्षमता का उपयोग करता है।


Vajrayāna, also known as Mantrayāna, Mantranāya, Guhyamantrayāna, Tantrayāna, Tantric Buddhism, and Esoteric Buddhism, is a Buddhist tradition of tantric practice that developed in the Indian subcontinent and spread to Tibet, Nepal, other Himalayan states, East Asia, and Mongolia.



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