
पादुकास्थान
Padukasthan
(Hindu pilgrimage site in Nepal)
Summary
पादुकास्थान: दैलेख का एक पवित्र स्थल
पादुकास्थान (नेपाली: पादुकास्थान) नेपाल के कर्णाली प्रदेश के दैलेख ज़िले में स्थित एक महत्वपूर्ण हिंदू धार्मिक स्थल है। यह दैलेख के पाँच पवित्र स्थलों, पञ्चकोशी में से एक है। यह स्थल डल्लू नगरपालिका में स्थित है, जो पहले पादुकास्थान गाँव विकास समिति था।
पौराणिक महत्व:
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस स्थान का नाम भगवान शिव की पत्नी सतीदेवी के पादुका (पैर) के अवशेषों से पड़ा है; "पादुका" का अर्थ है पैर और "स्थान" का अर्थ है जगह। यहाँ सतीदेवी के पाद के अवशेष होने के कारण इस स्थान को अत्यंत पवित्र माना जाता है। कथा यह भी है कि सती के शरीर के विभिन्न अंग अलग-अलग स्थानों पर गिरे थे और ये सभी स्थान पवित्र माने जाते हैं।
विष्णु पादुकास्थान:
यहाँ भगवान विष्णु के पदचिन्हों का भी अंकन मिला है, जिसके कारण इस स्थान को विष्णु पादुकास्थान के नाम से भी जाना जाता है। यह इस बात का प्रमाण है कि यह स्थान प्राचीन काल से ही धार्मिक आस्था का केंद्र रहा है। विष्णु के पदचिन्हों का होना इस स्थान के महत्व को और बढ़ाता है।
ऐतिहासिक अवशेष और अग्नि स्तम्भ:
पूर्व में, शीर्षस्थान और नाभिस्थान में जल के ऊपर अग्नि की लौ प्रज्ज्वलित रहती थी। वर्तमान में यहाँ एक अग्नि घर स्थित है। २०२८ बि.सं. में पादुका पुल पर आई बाढ़ ने अग्नि को क्षतिग्रस्त कर दिया था। बाढ़ के कारण तट पर स्थित सभी शिलालेख, मूर्तियाँ, स्तम्भ और अन्य ऐतिहासिक अवशेषों को भी नुकसान पहुँचा।
केरोसीन का स्रोत?:
कुछ लोगों का मानना है कि इस स्थान पर केरोसीन का स्रोत है। योगी नारायणनाथ ने अपने अध्ययनों में उल्लेख किया है कि यहाँ १०८ से अधिक प्रकार के औषधीय पौधे पाए जाते थे, जो इस स्थान के प्राकृतिक और आध्यात्मिक महत्व को दर्शाते हैं। यह स्थान न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि वनस्पति विज्ञान के क्षेत्र में भी अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
संक्षेप में, पादुकास्थान दैलेख का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है जो अपनी पौराणिक कथाओं, ऐतिहासिक अवशेषों और प्राकृतिक संपदा के कारण विशेष महत्व रखता है। इस स्थान के संरक्षण और विकास के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भावी पीढ़ियाँ भी इसके महत्व को समझ सकें।