Ganana

गणाना

Ganana

(Technique in Buddhist meditation)

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श्वासों की गिनती: ध्यान का एक महत्वपूर्ण अंग (गणना और सुसोकू-कान)

बौद्ध ध्यान में श्वासों पर ध्यान केंद्रित करने की एक महत्वपूर्ण तकनीक है जिसे "गणना" (Pali) कहा जाता है। इसका अर्थ है श्वास लेते और छोड़ते समय मानसिक रूप से उनकी गिनती करना। यह तकनीक ध्यान के दौरान मन को भटकने से रोकने और उसे एकाग्र करने में मदद करती है।

यह तकनीक आनापानसति नामक छः चरणों का एक हिस्सा है, जिसका वर्णन वसुबंधु और झीई जैसे लेखकों ने किया है। ये छः चरण हैं:

  1. गणना (गणना): इस चरण में, साधक श्वास लेते और छोड़ते समय उनकी गिनती करता है।
  2. अनुगम (अनुगम): इस चरण में, साधक श्वास के अंदर और बाहर जाने के मार्ग पर ध्यान केंद्रित करता है, जैसे नाक के छिद्रों पर।
  3. स्थान (स्थान या स्थापना): इस चरण में, साधक अपने पूरे शरीर में श्वास के प्रवाह और उसकी अनुभूति पर ध्यान केंद्रित करता है।
  4. उपलक्षण (उपलक्षण): इस चरण में, साधक श्वास के चार तत्वों - पृथ्वी (ठोसता), जल (तरलता), अग्नि (गर्मी), और वायु (गति) पर ध्यान केंद्रित करता है।
  5. विवर्तन (विवर्तन): इस चरण में, साधक अपने मन को श्वास के साथ पूरी तरह से जोड़ लेता है और उसके सभी विचार और भावनाएं शांत हो जाते हैं।
  6. परिशुद्धि (परिशुद्धि): यह अंतिम चरण है जहाँ साधक ध्यान की गहरी अवस्था - समाधि - में प्रवेश करता है और उसे "विपश्यना" प्राप्त होती है, जो कि वास्तविकता की गहरी समझ है।

ज़ेन बौद्ध धर्म में, श्वासों की गिनती करने की कला को "सुसोकू-कान" (数息観, "संख्या श्वास दृश्य") कहा जाता है। हालाँकि, इस शब्द का उपयोग आमतौर पर आनापानसति को संदर्भित करने के लिए भी किया जाता है।

संक्षेप में, श्वासों की गिनती (गणना और सुसोकू-कान) एक सरल लेकिन शक्तिशाली ध्यान तकनीक है जो मन को शांत करने, एकाग्रता बढ़ाने और आध्यात्मिक विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने में मदद करती है।


Gaṇanā is the technique of breath counting in Buddhist meditation. It focuses on drawing mental attention to breathing by counting numerically inhalation and exhalation. It is part of the six stages of anapanasati described by auhors like Vasubandhu and Zhiyi, composed by counting breath (ganana), following the motions of the air flow (anugama), stilling thought in the body, observing the elements of air (upalakshana), transformation of the mind focused on the air (vivarthana) and entering the path of vision (parisuddhi). Those stages are increasingly subtle and lead to control of mind, producing samadhi in order to achieve vipassana.



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