Chaturthi

चतुर्थी

Chaturthi

(Fourth day of a lunar fortnight in the Hindu calendar)

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चतुर्थी: हिन्दू कैलेंडर का चौथा दिन

"चतुर्थी" (संस्कृत: चतुर्थी, रोमन लिपि में: Caturthī) हिन्दू कैलेंडर में एक चांद्र मास के चौथे दिन को दर्शाता है।

हिन्दू कैलेंडर दो भागों में विभाजित है:

  1. शुक्ल पक्ष: यह चाँद के बढ़ने का समय है और यह अमावस्या के बाद शुरू होता है।
  2. कृष्ण पक्ष: यह चाँद के घटने का समय है और यह पूर्णिमा के बाद शुरू होता है।

हर पक्ष में 15 दिन होते हैं, और चतुर्थी दोनों पक्षों में आती है।

चतुर्थी के महत्व:

हिन्दू धर्म में, चतुर्थी को कई देवताओं से जोड़ा जाता है, जिनमें शामिल हैं:

  • गणेश चतुर्थी: यह भगवान गणेश का जन्मदिन है और यह भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है।
  • संकष्टी चतुर्थी: यह चतुर्थी को मनाया जाता है जो कृष्ण पक्ष में आता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है।
  • सर्वार्थ सिद्धि चतुर्थी: यह चतुर्थी भी कृष्ण पक्ष में आता है और इसे हर महीने मनाया जाता है। यह दिन धन, समृद्धि और सफलता प्राप्त करने के लिए जाना जाता है।
  • विनायक चतुर्थी: यह चतुर्थी भी कृष्ण पक्ष में आता है और यह भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है।

चतुर्थी के दौरान किए जाने वाले कार्य:

  • व्रत रखना: चतुर्थी के दिन कई लोग व्रत रखते हैं, जिसमें भोजन और पानी का सेवन नहीं करना शामिल है।
  • भगवान गणेश की पूजा: चतुर्थी को भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इसमें मंदिर जाना, घर में पूजा करना, मंत्रों का जाप करना, और प्रसाद चढ़ाना शामिल है।
  • दान करना: चतुर्थी के दिन दान करना शुभ माना जाता है।

चतुर्थी का दिन हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन है। यह देवताओं की पूजा करने, व्रत रखने, और दान करने का समय है।


Chaturthi refers to the fourth day of a lunar fortnight in the Hindu calendar.



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