
विशालाक्षी मंदिर
Vishalakshi Temple
(Hindu goddess temple in Varanasi, India)
Summary
विशालाक्षी मंदिर, वाराणसी: एक विस्तृत विवरण (हिंदी)
विशालाक्षी मंदिर, जिसे विशालाक्षी गौरी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में वाराणसी में गंगा नदी के तट पर मीर घाट पर स्थित देवी विशालाक्षी को समर्पित एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है। "विशालाक्षी" का अर्थ है "जिनकी आंखें बड़ी हैं", और यह देवी पार्वती / गौरी का ही एक स्वरूप हैं।
यह मंदिर शक्ति पीठ के रूप में प्रतिष्ठित है, जो देवी दुर्गा को समर्पित सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि यहाँ सती देवी के कुंडल गिरे थे।
यह मंदिर प्रसिद्ध मणिकर्णिका घाट के समीप स्थित है, जहाँ हिंदुओं का अंतिम संस्कार किया जाता है। विशालाक्षी मंदिर अपने वार्षिक उत्सव के लिए भी जाना जाता है, जो भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला "कजली तीज" का त्यौहार होता है।
मंदिर का महत्व:
- शक्ति पीठ: विशालाक्षी मंदिर 51 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है, जो देवी सती के शरीर के अंगों के गिरने के स्थानों को दर्शाते हैं।
- देवी विशालाक्षी: विशालाक्षी, "बड़ी आंखों वाली", देवी पार्वती का एक रूप है जो शक्ति, शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक है।
- मणिकर्णिका घाट की निकटता: इस मंदिर की मणिकर्णिका घाट से निकटता इसे और भी महत्वपूर्ण बनाती है, क्योंकि यह जीवन और मृत्यु के चक्र के साथ एक गहरा संबंध स्थापित करती है।
मंदिर की वास्तुकला:
विशालाक्षी मंदिर की वास्तुकला सरल और भव्य है। मंदिर में गर्भगृह में देवी विशालाक्षी की मूर्ति स्थापित है। मंदिर में एक सभामंडप और एक गर्भगृह है, जो एक शिखर से सुसज्जित है।
कजली तीज:
कजली तीज के अवसर पर, मंदिर को फूलों और रोशनी से सजाया जाता है और विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन, भक्त देवी विशालाक्षी को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं और उनसे सुख, समृद्धि और मोक्ष की कामना करते हैं।