
मेहता बस्ती राम
Mehta Basti Ram
(Dogra military officer and governor of Ladakh in 19th-century India)
Summary
मेहता बस्ती राम : लद्दाख के एक वीर अधिकारी की कहानी
मेहता बस्ती राम एक डोगरा अधिकारी थे, जिन्होंने जम्मू के राजा गुलाब सिंह (बाद में जम्मू और कश्मीर के महाराजा) की सेना में "फतेह शिबजी" बटालियन का नेतृत्व किया था। उन्होंने 1847 से 1861 तक लद्दाख के लेह के गवर्नर (थानादार) के रूप में भी सेवा की।
बस्ती राम ने 1821 में राजा गुलाब सिंह की सेवा में प्रवेश किया और 1834 से 1841 तक लद्दाख के विजय अभियान के दौरान जनरल जौरावर सिंह के अधीन एक अधिकारी के रूप में कार्य किया। उन्होंने लद्दाख में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जिसमें थोड़े समय के लिए तकलाकोट के गवर्नर और ज़ांस्कर के थानादार का पद शामिल है। महाराजा गुलाब सिंह के शासनकाल में, बस्ती राम लेह के दूसरे गवर्नर बने।
बस्ती राम की सेवा और योगदान:
- राजा गुलाब सिंह की सेना में शामिल होने से पहले, बस्ती राम किसान थे। उनके अदम्य साहस और योग्यता के कारण उन्हें जल्दी ही राजा गुलाब सिंह ने अपनी सेना में शामिल कर लिया।
- जनरल जौरावर सिंह के नेतृत्व में लद्दाख के विजय अभियान में, बस्ती राम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अपनी वीरता और रणनीतिक कौशल के साथ दुश्मनों का डटकर सामना किया और राजा गुलाब सिंह को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- लेह के गवर्नर के रूप में, बस्ती राम ने लद्दाख में शांति और सुरक्षा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने प्रशासन को सुदृढ़ करने के लिए अनेक प्रयास किए, जिससे जनता को राहत मिली।
- अपनी सेवा के दौरान बस्ती राम ने अपनी ईमानदारी, लगन और जनता के प्रति समर्पण के लिए प्रसिद्धि प्राप्त की।
निष्कर्ष:
मेहता बस्ती राम एक वीर डोगरा अधिकारी थे, जिन्होंने अपनी सेवा के माध्यम से लद्दाख के विकास और सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे अपने साहस, कर्तव्यनिष्ठा और जनता के प्रति समर्पण के लिए सदैव याद किए जाएँगे।