भैरवकुंड शिव मंदिर
Bhairabkunda Shiva Mandir
(Hindu temple in Bhutan)
Summary
भैरवकुंड शिव मंदिर: भूटान की एक प्रमुख शक्तिपीठ
भैरवकुंड शिव मंदिर, जिसे दैफम शिव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, भूटान के सबसे महत्वपूर्ण हिंदू मंदिरों में से एक है। यह भूटान का एकमात्र शक्तिपीठ भी है। यह भूटान के दक्षिण-पूर्वी कोने में, जोमोट्संगखा (दैफम) शहर के पास स्थित है। यह मंदिर भारत के अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी सीमा और असम के दक्षिणी सीमा के साथ भी जुड़ा हुआ है। यह असम के उदलगुड़ी शहर से 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
मंदिर का इतिहास और महत्व:
यह मंदिर प्राचीन काल से ही भक्तों के लिए आस्था का केंद्र रहा है। मान्यता है कि यह शक्तिपीठ भगवान शिव और माता पार्वती से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने यहाँ अपनी पत्नी माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। इस मंदिर में माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित है, जिसे भक्त "दैफम देवी" के नाम से पूजते हैं।
मंदिर का वास्तुकला:
यह मंदिर भूटानी वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है। मंदिर का निर्माण लकड़ी और पत्थर से किया गया है। मंदिर की दीवारों पर रंग-बिरंगी कलाकृतियाँ बनी हुई हैं, जो मंदिर की सुंदरता में चार चाँद लगाती हैं।
मंदिर में होने वाले त्यौहार:
इस मंदिर में साल भर कई धार्मिक त्यौहार मनाए जाते हैं। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है "दैफम देवी का जन्मोत्सव", जो हर साल नवंबर महीने में मनाया जाता है। इस दौरान, मंदिर में हजारों भक्त आते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं।
मंदिर तक कैसे पहुँचें:
भैरवकुंड शिव मंदिर तक पहुँचने के लिए, आप असम के उदलगुड़ी शहर से बस या टैक्सी द्वारा जा सकते हैं। मंदिर जाने के लिए पहाड़ी रास्ते हैं, इसलिए गाड़ी चलाने में सावधानी बरतनी चाहिए।
भैरवकुंड शिव मंदिर एक पवित्र और शांत स्थान है, जहाँ भक्त शांति और आशीर्वाद पाने के लिए आते हैं। यह मंदिर भूटान की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक अद्भुत उदाहरण है।