Namgyal_dynasty_of_Ladakh

लद्दाख का नामग्याल राजवंश

Namgyal dynasty of Ladakh

(Monarchs of the former Ladakh kingdom)

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नामग्याल वंश: लद्दाख के राजा

नामग्याल वंश, लद्दाख के पूर्वी राज्य का शासक वंश था, जिसका शासनकाल 1460 से 1842 तक रहा। इन शासकों को ग्यालपो के नाम से जाना जाता था।

नामग्याल वंश ने मरयुल के पहले राजवंश का स्थान लिया। इस वंश के शासकों ने पड़ोसी मुगल साम्राज्य और तिब्बत के विभिन्न राजवंशों, जिनमें तिब्बत-लद्दाख-मुगल युद्ध भी शामिल है, के साथ कई युद्ध लड़े।

अंततः, यह वंश सिख साम्राज्य और जम्मू के डोगरा शासकों के अधीन आ गया। नामग्याल वंश के इतिहास का सबसे बड़ा स्रोत लद्दाख क्रॉनिकल्स (Ladakh Chronicles) है।

अधिक जानकारी:

  • मारयुल वंश: नामग्याल वंश से पहले लद्दाख पर मरयुल वंश का शासन था। यह वंश लद्दाख में बौद्ध धर्म के प्रसार के लिए जाना जाता था।
  • तिब्बत-लद्दाख-मुगल युद्ध: 17वीं शताब्दी में, लद्दाख और तिब्बत के बीच कई युद्ध हुए, जिसमें मुगल साम्राज्य भी शामिल था। यह युद्ध धार्मिक और राजनीतिक कारणों से हुआ था।
  • सिख साम्राज्य: 18वीं शताब्दी में, सिख साम्राज्य का उदय हुआ, जिसके बाद लद्दाख सिख साम्राज्य के अधिकार में आ गया।
  • डोगरा शासक: सिख साम्राज्य के पतन के बाद, जम्मू के डोगरा शासक, गुलाब सिंह, ने लद्दाख पर नियंत्रण स्थापित कर लिया।

नामग्याल वंश का इतिहास लद्दाख के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यह वंश लद्दाख में कला, संस्कृति और बौद्ध धर्म के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


The Namgyal dynasty was a dynasty whose rulers were the monarchs of the former kingdom of Ladakh that lasted from 1460 to 1842 and were titled the Gyalpo of Ladakh. The Namgyal dynasty succeeded the first dynasty of Maryul and had several conflicts with the neighboring Mughal Empire and various dynasties of Tibet, including the Tibet–Ladakh–Mughal War. The dynasty eventually fell to the Sikh Empire and Dogras of Jammu. Most of its known history is written in the Ladakh Chronicles.



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