
जोरावर किला
Zorawar Fort
(Building in Ladakh, India)
Summary
ज़ोरवार किला: लेह की शान और इतिहास की गवाह
ज़ोरवार किला, लेह, लद्दाख, भारत में स्थित एक किला है, जिसे 1836 में वज़ीर ज़ोरवार सिंह काहलुरिया के लिए बनाया गया था। वज़ीर ज़ोरवार सिंह, डोगरा राजपूत शासक गुलाब सिंह के एक सैन्य जनरल थे। इस किले में कभी डोगरा राजवंश के शासकों का धन रखा जाता था और अब इस किले में एक संग्रहालय है जो शासकों के खजाने के साथ-साथ सिक्के और डाक टिकट भी संरक्षित करता है।
जनरल ज़ोरवार सिंह को एक सैन्य प्रतिभा और पहाड़ी युद्ध के मास्टर के रूप में सराहा जाता था। जनरल के रूप में अपने समय (1834 और 1841 के बीच) में, वह छह बार लद्दाख गए और उत्तर में लद्दाख की सीमाओं का विस्तार किया। जनरल ज़ोरवार को "भारत का नेपोलियन" कहा जाता था और यह किला उनकी ईमानदारी, वफादारी और बहादुरी की याद में बनाया गया है।
जनरल ज़ोरवार सिंह की वजह से, जब भारत को 1947 में ब्रिटिशों से आजादी मिली, तो लद्दाख और बाल्टिस्तान नए गणराज्य का हिस्सा बन गए।
भारतीय सेना ने 2006 में किले के जीर्णोद्धार और पुनर्स्थापन के रूप में एक संग्रहालय और ध्वनि और प्रकाश शो बनाया।
यह किला लेह के स्कारा रोड पर स्थित है, जो लेह पैलेस से केवल 7 मिनट की दूरी पर है।