
भगत पीपा
Bhagat Pipa
(Vaishnava Bhakti poet-saint of Ramanandi Tradition)
Summary
भगत पीपा: राजा से संत तक का सफ़र
भगत पीपा (जन्म 1425) गागरौंगढ़ के एक राजपूत शासक थे जिन्होंने भक्ति आंदोलन के एक हिंदू रहस्यवादी कवि और संत बनने के लिए सिंहासन त्याग दिया था। उनका जन्म लगभग 1425 ईस्वी में उत्तर भारत के मालवा क्षेत्र (पूर्व राजस्थान) में हुआ था।
पीपा की जन्म और मृत्यु की सही तिथि ज्ञात नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि वे चौदहवीं शताब्दी के अंत और पंद्रहवीं शताब्दी के आरंभ में जीवित थे। एक योद्धा वर्ग और शाही परिवार में जन्मे पीपा को शुरुआती शैव (शिव) और शक्ता (दुर्गा) अनुयायी के रूप में वर्णित किया गया है। इसके बाद, उन्होंने रामानंद के शिष्य के रूप में वैष्णव धर्म को अपनाया, और बाद में जीवन के निर्गुण (बिना विशेषताओं वाला भगवान) विश्वासों का प्रचार किया। भगत पीपा को 15वीं शताब्दी के उत्तरी भारत में भक्ति आंदोलन के सबसे शुरुआती प्रभावशाली संतों में से एक माना जाता है।