
भगत साधना
Bhagat Sadhana
(12th-century Indian poet and mystic)
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भगत सधना - एक संत, रहस्यवादी और कवि
भगत सधना, जिन्हें सधना कसाई के नाम से भी जाना जाता है, एक उत्तर भारतीय कवि, संत, रहस्यवादी और भक्त थे जिनके भजन गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल हैं। पंजाब क्षेत्र में, सिख और रविदासियों के बीच सम्मानित, उनके भक्ति भजन को अधिकांश प्रचारकों द्वारा व्यापक रूप से उद्धृत किया जाता है। उनका एक भजन आदी ग्रंथ साहिब में, रागा बिलावल में मौजूद है।
भगत सधना के अनुयायियों को सधना पंथी कहा जाता है। उनका एकमात्र स्मारक सिरहिंद में एक मस्जिद है, जहां उनकी मृत्यु हुई थी।
विवरण:
- संत और रहस्यवादी: भगत सधना एक संत और रहस्यवादी थे, जो भगवान की भक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान में गहरे तल्लीन थे।
- कवि: वे एक प्रतिभाशाली कवि भी थे, जिन्होंने अपनी भक्ति और आध्यात्मिक अनुभवों को अपने भजनों में व्यक्त किया।
- गुरु ग्रंथ साहिब में स्थान: उनके भजनों को गुरु ग्रंथ साहिब, सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ में शामिल किया गया है, जो उनके महत्व और प्रभाव को दर्शाता है।
- सिख और रविदासियों में सम्मानित: सिख और रविदासियों के बीच, भगत सधना को एक सम्मानित और प्रिय संत माना जाता है।
- सधना पंथी: उनके अनुयायियों को सधना पंथी कहा जाता है, जो उनके उपदेशों और जीवन मूल्यों का पालन करते हैं।
- सिरहिंद में स्मारक: सधना की मृत्यु सिरहिंद में हुई थी, जहां उनके सम्मान में एक मस्जिद बनाई गई है।
यह ध्यान देने योग्य है कि भगत सधना के जीवन और कार्यों के बारे में सीमित जानकारी उपलब्ध है। उनके जीवन का अधिकांश इतिहास भक्ति भजनों और लोक परंपराओं में संरक्षित है।
Bhagat Sadhna, also called Sadhna Qasai, was a north Indian poet, saint, mystic and one of the devotees whose hymn was incorporated in Guru Granth Sahib. Venerated in the region of Punjab, among Sikhs and Ravidassias, his devotional hymn is widely quoted by most preachers. His one hymn is present in Adi Granth Sahib, in Raga Bilaval.