
भगत सैन
Bhagat Sain
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Summary
भगत सैन: भक्ति आंदोलन के एक महान संत
भगत सैन (14वीं-15वीं शताब्दी), जिन्हें सेना भगत के नाम से भी जाना जाता है, भक्ति आंदोलन के एक प्रसिद्ध हिंदू रहस्यवादी कवि और संत थे। उनका जीवन 14वीं शताब्दी के अंत और 15वीं शताब्दी की शुरुआत में था। भगवान के प्रति उनकी अगाध भक्ति के कारण उनका नाम हर घर में जाना जाता था।
भगत सैन रेवा के राजा राम सिंह के दरबार में नाई थे। वे रामानंद जी के शिष्य थे। भगत सैन की रचनाएँ उनके भगवान के प्रति अटूट प्रेम और समर्पण को दर्शाती हैं। उनकी कृतियां भक्ति आंदोलन के समय की सामाजिक और धार्मिक परिस्थितियों को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
भगत सैन के जीवन और कृतियों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- वे रेवा राज्य के राजा राम सिंह के दरबार में नाई थे।
- रामानंद जी के शिष्य होने के कारण, उन्होंने भक्ति आंदोलन के मूल्यों और सिद्धांतों को अपनाया।
- उनकी कृतियाँ मुख्य रूप से भगवान के प्रति निष्ठा और प्रेम को दर्शाती हैं।
- भगत सैन की रचनाएँ भक्ति आंदोलन के समय की सामाजिक और धार्मिक परिस्थितियों को दर्शाती हैं।
- उनका नाम हर घर में जाना जाता था क्योंकि उनकी भक्ति और कृतियाँ लोगों के हृदय को छू जाती थीं।
भगत सैन का जीवन और कार्य भक्ति आंदोलन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उनकी कृतियाँ आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं और उनमें भगवान के प्रति प्रेम और समर्पण की भावना जागृत करती हैं।