
थाई मंदिर कला और वास्तुकला
Thai temple art and architecture
(Art and architecture of Buddhist temples in Thailand)
Summary
थाई मंदिर कला और वास्तुकला: विस्तृत विवरण
थाई मंदिर कला और वास्तुकला, थाईलैंड में बौद्ध मंदिरों की कला और वास्तुकला को दर्शाते हैं। इन मंदिरों को "वाट" कहा जाता है, जो पालि भाषा के शब्द "वाट" से लिया गया है जिसका अर्थ है "परिधि" या "अहाता"।
वाट:
हर वाट एक दीवार से घिरा होता है जो उसे बाहरी दुनिया से अलग करता है। यह दीवार पवित्र और लौकिक के बीच एक सीमा बनाती है। वाट केवल पूजा स्थल ही नहीं होते, बल्कि थाई समुदायों के केंद्र बिंदु होते हैं।
समुदाय में वाट की भूमिका:
- स्थिरता और अधिकार: वाटों की पवित्र शिक्षाएं लोगों के जीवन में स्थिरता और नैतिकता का आधार बनती थीं।
- शिक्षा केंद्र: वाट शिक्षा के केंद्र भी होते थे जहाँ लोग बौद्ध धर्म और अन्य विषयों के बारे में सीखते थे।
- आर्थिक केंद्र: वाटों में संपत्ति का सामूहिक स्वामित्व होता था जो उन्हें आर्थिक केंद्र बनाता था।
- सामुदायिक केंद्र: वाट विभिन्न प्रकार के कार्यों और उत्सवों के माध्यम से समुदाय के केंद्र के रूप में सेवा करते थे।
वास्तुकला और कला:
थाई मंदिर वास्तुकला अपनी भव्यता और कलात्मकता के लिए प्रसिद्ध है। सोने से मढ़े हुए स्तूप, रंगीन मूर्तियाँ, जटिल नक्काशी और भित्तिचित्र थाई मंदिरों की विशेषता हैं। थाई कलाकारों ने सदियों से अपनी कला और कौशल से इन मंदिरों को अलंकृत किया है, जो थाई संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक हैं।