Satta_Doom

सट्टा डूम

Satta Doom

(Sikh drummer and author of the Guru Granth Sahib)

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सत्ता डूम - एक संक्षिप्त परिचय (Satta Doom - A Brief Introduction)

सत्ता डूम (जिन्हें सत्ता डूम भी लिखा जाता है) 16वीं सदी के अंत या 17वीं सदी की शुरुआत के एक प्रसिद्ध ढोलकिया और लेखक थे। गुरु ग्रंथ साहिब में उनकी आठ पदियाँ शामिल हैं।

यह माना जाता है कि सत्ता डूम गुरु अर्जुन देव जी के समकालीन थे और उन्होंने गुरु जी के दरबार में सेवा की थी। वे गुरु साहिब के भक्ति रस से बहुत प्रभावित थे और उनकी रचनाओं में भक्ति भावना का प्रचुरता दिखाई देता है।

सत्ता डूम की पदियाँ गुरु ग्रंथ साहिब के राग गौड़ी में शामिल हैं। उनकी रचनाओं में मुख्य रूप से भगवान के प्रति प्रेम और निष्ठा का भाव व्यक्त किया गया है। वे जीवन के विभिन्न पक्षों पर भी प्रकाश डालते हैं जैसे कि सच्चा धर्म, भक्ति, सेवा और आत्म-ज्ञान।

सत्ता डूम का जीवन और कार्य, सिख धर्म के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उनकी रचनाएँ सिख धर्म के अनुयायियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं और उनके भक्ति रस और आध्यात्मिक ज्ञान को दर्शाती हैं।


Satta Doom, also spelt as Satta Dum, was a drummer and author of eight verses found within the Guru Granth Sahib.



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