
अजीत सिंह संधावालिया
Ajit Singh Sandhawalia
(Sikh chieftain)
Summary
अजीत सिंह संधावालिया: शेर सिंह की हत्या करने वाले सिख सरदार
अजीत सिंह संधावालिया, संधावालिया जाट कबीले के एक सिख सरदार थे जिन्होंने 15 सितंबर 1843 को सिख साम्राज्य के शासक, शेर सिंह की हत्या कर दी थी।
संधावालिया जाट कबीले का इतिहास:
संधावालिया जाट कबीला पंजाब के एक प्रमुख जाट कबीला था। वे ब्रिटिश शासन से पहले पंजाब में एक महत्वपूर्ण शक्ति थे और कई राज्यों में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते थे।
शेर सिंह के शासनकाल में अजीत सिंह संधावालिया की भूमिका:
शेर सिंह के शासनकाल के दौरान, अजीत सिंह संधावालिया एक महत्वपूर्ण व्यक्ति था। वह शेर सिंह के दरबार में एक मंत्री था और उसके करीबी विश्वासपात्रों में से एक था। हालांकि, अजीत सिंह संधावालिया, शेर सिंह के शासन से खुश नहीं था और उसने उसके खिलाफ विद्रोह करने की योजना बनानी शुरू कर दी।
शेर सिंह की हत्या:
अजीत सिंह संधावालिया ने 15 सितंबर 1843 को शेर सिंह की हत्या एक चालबाजी तरीके से कर दी। शेर सिंह, अपने दरबार में अपने कुछ विश्वासपात्रों के साथ बैठा था, तभी अजीत सिंह ने उस पर हमला कर दिया। इस घटना में शेर सिंह की मौके पर ही मौत हो गई।
शेर सिंह की हत्या के बाद:
शेर सिंह की हत्या के बाद अजीत सिंह संधावालिया, खुद को सिख साम्राज्य का शासक घोषित करना चाहता था, लेकिन उसे सिख सरदारों का विरोध झेलना पड़ा। वह केवल कुछ दिनों के लिए सत्ता में रह पाया, जिसके बाद उसे पकड़कर मार दिया गया।
अजीत सिंह संधावालिया का महत्व:
अजीत सिंह संधावालिया की शेर सिंह की हत्या के बाद, सिख साम्राज्य कमजोर हो गया और यह ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया। अजीत सिंह संधावालिया की हत्या को सिख इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना माना जाता है।