Mandavya

मंडव्या

Mandavya

(Sage in Hinduism)

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मांडव्य : एक ऋषि का दुखद किस्सा

मांडव्य (संस्कृत: माण्डव्य, रोमनकृत: Māṇḍavya), जिन्हें अणि मांडव्य भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक प्रसिद्ध ऋषि हैं। वे एक किंवदंती के लिए जाने जाते हैं जिसमें उन्हें एक राजा द्वारा अन्यायपूर्वक शूल पर चढ़ा दिया गया था।

कहानी:

कहानी के अनुसार, मांडव्य एक बार एक जंगल में ध्यान कर रहे थे। तभी एक राजा शिकार के लिए वहां आया और गलती से मांडव्य को एक जानवर समझकर उस पर बाण चला दिया। मांडव्य ने राजा को अपना ऋषि होने का पता चलने पर क्षमा कर दिया और राजा को आशीर्वाद दिया।

लेकिन राजा ने माफ़ी मांगने के बजाय, मांडव्य पर क्रोधित होकर उन्हें शूल पर चढ़ा दिया।

मांडव्य ने इस दर्द और अन्याय को सहते हुए कई वर्षों तक शूल पर बिताए। उनकी इस पीड़ा को देखकर भगवान इंद्र ने राजा को दंडित किया और मांडव्य को शूल से मुक्त कर दिया।

मांडव्य का महत्व:

मांडव्य की कहानी अन्याय, धैर्य और क्षमा की शिक्षा देती है।

  • अन्याय: कहानी बताती है कि कैसे राजा ने एक निर्दोष ऋषि को जानवर समझकर नुकसान पहुंचाया और बाद में क्षमा के बजाय उन्हें दंडित किया।
  • धैर्य: मांडव्य ने बिना किसी शिकायत के वर्षों तक शूल पर सहन किया।
  • क्षमा: मांडव्य ने राजा को क्षमा किया, लेकिन राजा ने उनके साथ क्रूरता की।

यह कहानी हमें याद दिलाती है कि सच्चा धैर्य और क्षमा ही सबसे बड़ी शक्ति होती है।


Mandavya, also called Aṇi Māṇḍavya, is a sage in Hinduism. He is best known for a legend where he is wrongfully punished by a king by impalement.



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