
उपोसथा
Uposatha
(Buddhist day of observance)
Summary
उपोसथ: बुद्ध के समय से चली आ रही पवित्र परंपरा (हिंदी में विस्तार से)
उपोसथ एक पवित्र बौद्ध दिन है जिसे बुद्ध के समय (600 ईसा पूर्व) से मनाया जाता रहा है और आज भी बौद्ध अनुयायी इसे श्रद्धा से मानते हैं। बुद्ध ने उपोसथ को "मन की अशुद्धियों को दूर करने का दिन" बताया था, जिससे आंतरिक शांति और आनंद की प्राप्ति होती है।
इस दिन, संघ के गृहस्थ और भिक्षु, दोनों ही अपने अभ्यास को तेज करते हैं, अपने ज्ञान को गहरा करते हैं और सदियों पुरानी परंपराओं और पारस्परिक सहयोग के माध्यम से सामूहिक प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं।
उपोसथ के दिन, गृहस्थ अनुयायी विशेष प्रयास करते हैं:
- पंचशील का पालन करने के लिए: ये पाँच नैतिक नियम हैं:
- प्राणी हिंसा से दूर रहना
- चोरी न करना
- झूठ न बोलना
- व्यभिचार से दूर रहना
- नशीले पदार्थों के सेवन से बचना
- दस शील का पालन करने के लिए: पंचशील के साथ पाँच और नियम:
- अनुचित समय पर भोजन न करना
- मनोरंजन और श्रृंगार से दूर रहना
- ऊँचे बिस्तरों का त्याग करना
- सोना, चाँदी और धन का त्याग करना
- गायन, नृत्य और संगीत से दूर रहना
उपोसथ बुद्ध की शिक्षाओं और ध्यान के अभ्यास का दिन है। यह दिन आत्म-चिंतन, ध्यान और बौद्ध धर्म के सिद्धांतों पर मनन करने का अवसर प्रदान करता है। उपोसथ आध्यात्मिक विकास और आत्म-शुद्धि का एक महत्वपूर्ण साधन है जो बौद्ध धर्म के अनुयायियों को उनके जीवन में शांति, करुणा और प्रज्ञा लाने में मदद करता है।