
चक्रम
Chakram
(Circular throwing weapon)
Summary
चक्र: एक भारतीय हथियार
चक्र (संस्कृत: चक्र, चक्रम्; पंजाबी: चक्करा, चक्कराम) भारतीय उपमहाद्वीप का एक फेंकने वाला हथियार है। यह एक गोल आकार का होता है, जिसका बाहरी किनारा तेज होता है और व्यास 12-30 सेंटीमीटर (4 1/2-12 इंच) होता है। इसे चलिकर भी कहा जाता है, जिसका अर्थ "वृत्त" होता है, और अंग्रेजी लेखन में इसे कभी-कभी "युद्ध-क्वोइट" के रूप में संदर्भित किया जाता था।
चक्र मुख्य रूप से एक फेंकने वाला हथियार है, लेकिन इसे हाथ से भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एक छोटा रूपांतर जिसे चक्री कहा जाता है, कलाई पर पहना जाता है। एक संबंधित हथियार चक्री डोंग है, जो एक बांस की छड़ी है जिसके एक सिरे पर एक चक्री लगा होता है।
विवरण:
- आकार: गोल
- सामग्री: धातु (आमतौर पर स्टील या पीतल)
- व्यास: 12-30 सेंटीमीटर (4 1/2-12 इंच)
- बाहरी किनारा: तेज
- उपयोग: फेंकने, हाथ से लड़ने
प्रकार:
- चक्र: बड़ा फेंकने वाला हथियार
- चक्री: छोटा रूपांतर, कलाई पर पहना जाता है
- चक्री डोंग: बांस की छड़ी जिसके एक सिरे पर चक्री लगा होता है
इतिहास:
चक्र का भारतीय उपमहाद्वीप में लंबा इतिहास है। इसे प्राचीन काल से ही युद्ध में इस्तेमाल किया जाता था। यह विभिन्न संस्कृतियों और क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के हथियारों के रूप में विकसित हुआ।
उपयोग:
चक्र को विभिन्न प्रकार की लड़ाई की स्थितियों में इस्तेमाल किया जा सकता था। इसे दुश्मन सैनिकों को निशाना बनाने, दुश्मन के हथियारों को बेअसर करने और दुश्मन को भयभीत करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था।
संस्कृति:
चक्र को भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण प्रतीक के रूप में देखा जाता है। इसे शक्ति, शक्ति और साहस का प्रतिनिधित्व करने वाला माना जाता है। यह हिंदू धर्म में भी महत्वपूर्ण है, जहाँ इसे ब्रह्मांडीय चक्र का प्रतीक माना जाता है।
आज:
आज, चक्र का उपयोग मुख्य रूप से पारंपरिक कला और प्रदर्शन में किया जाता है। इसे कभी-कभी आत्मरक्षा हथियार के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।