Baidyanath_Temple

बैद्यनाथ मंदिर

Baidyanath Temple

(Temple in Jharkhand, India)

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बैद्यनाथ मंदिर: एक विस्तृत विवरण (Detailed Description of Baidyanath Temple in Hindi)

पृष्ठभूमि:

देवघर, झारखंड में स्थित बैद्यनाथ मंदिर, जिसे बाबा बैद्यनाथ धाम भी कहा जाता है, भगवान शिव को समर्पित एक अत्यंत पूजनीय हिंदू मंदिर है। यह मंदिर, शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है, जो इसे शैव संप्रदाय के अनुयायियों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण बनाता है।

वास्तुकला और संरचना:

यह मंदिर परिसर, एक विशाल और भव्य संरचना है, जहाँ मुख्य बैद्यनाथ मंदिर के साथ-साथ 21 अन्य मंदिर भी स्थित हैं। मुख्य मंदिर की वास्तुकला, नागर शैली का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें एक ऊँचा शिखर और जटिल नक्काशी देखने को मिलती है।

महत्व:

  • ज्योतिर्लिंग: यह मंदिर, बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक होने के कारण, शिव भक्तों के लिए एक अत्यंत पवित्र तीर्थस्थल है। मान्यता है कि यहाँ शिव, ज्योति के रूप में विराजमान हैं।
  • श्रावण माह: श्रावण माह (जुलाई-अगस्त) के दौरान, लाखों श्रद्धालु, सुल्तानगंज से गंगा जल लेकर यहाँ आते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। यह "श्रावणी मेला" के नाम से प्रसिद्ध है।
  • पौराणिक कथाएँ: इस मंदिर से जुड़ी कई पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार, रावण ने शिव को प्रसन्न करने के लिए यहाँ तपस्या की थी।

अन्य जानकारी:

  • मंदिर परिसर में, अन्य देवी-देवताओं, जैसे माता पार्वती, गणेश, और हनुमान, को समर्पित मंदिर भी हैं।
  • मंदिर की देखरेख, 'पंडा' नामक पुजारियों के एक समूह द्वारा की जाती है।
  • यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ठहरने और भोजन की उचित व्यवस्था है।

निष्कर्ष:

बैद्यनाथ मंदिर, अपनी धार्मिक मान्यताओं, भव्य वास्तुकला, और ऐतिहासिक महत्व के कारण, भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। यह स्थान, श्रद्धालुओं और पर्यटकों, दोनों को समान रूप से आकर्षित करता है।


Baidyanath Temple, also known as Baba Baidyanath Dham, is a Hindu temple dedicated to Shiva. It is located in Deoghar, in the Santhal Parganas division of the Indian state of Jharkhand. The temple complex comprises the central shrine of Baba Baidyanath along with 21 additional temples. It is significant to the Hindu sects of Shaivism as this temple is referred to as one of the twelve Jyotirlingas.



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