
भारत में बौद्ध धर्म का इतिहास
History of Buddhism in India
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Summary
बौद्ध धर्म: एक विस्तृत विवरण (Buddhism: A Detailed Explanation)
बौद्ध धर्म एक प्राचीन भारतीय धर्म है जिसकी उत्पत्ति प्राचीन मगध राज्य (वर्तमान बिहार, भारत) में हुई थी। यह धर्म गौतम बुद्ध की शिक्षाओं पर आधारित है, जिन्हें "बुद्ध" ("प्रबुद्ध व्यक्ति") माना जाता है। हालाँकि, बौद्ध धर्म की शिक्षाओं के अनुसार, गौतम बुद्ध से पहले भी कई अन्य बुद्ध हुए थे।
प्रारंभिक प्रसार (Early Spread):
बुद्ध के जीवनकाल में ही बौद्ध धर्म मगध के बाहर फैलना शुरू हो गया था। मौर्य सम्राट अशोक के शासनकाल के दौरान, बौद्ध समुदाय दो शाखाओं में विभाजित हो गया: महासंघिक और स्थविरवाद। ये दोनों शाखाएँ पूरे भारत में फैल गईं और आगे चलकर कई उप-संप्रदायों में विभाजित हो गईं।
मुख्य शाखाएँ (Main Branches):
आधुनिक समय में, बौद्ध धर्म की दो प्रमुख शाखाएँ मौजूद हैं:
- थेरवाद: यह शाखा श्रीलंका और दक्षिण पूर्व एशिया में प्रचलित है।
- महायान: यह शाखा पूरे हिमालय क्षेत्र और पूर्वी एशिया में प्रचलित है।
वज्रयान बौद्ध परंपरा को कभी-कभी महायान बौद्ध धर्म का एक हिस्सा माना जाता है, लेकिन कुछ विद्वान इसे एक अलग शाखा मानते हैं।
भारत में पतन और पुनरुत्थान (Decline and Revival in India):
7 वीं शताब्दी ईस्वी के आसपास गुप्त साम्राज्य के पतन के बाद, भारत में बौद्ध धर्म का प्रभाव कम होने लगा। बौद्ध धर्म का समर्थन करने वाला आखिरी बड़ा राज्य - पाल साम्राज्य - 12 वीं शताब्दी में गिर गया। 12 वीं शताब्दी के अंत तक, हिमालयी क्षेत्र और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में अलग-थलग अवशेषों को छोड़कर, बौद्ध धर्म भारत से लगभग गायब हो गया था।
हालांकि, 19 वीं शताब्दी से, बौद्ध धर्म के आधुनिक पुनरुत्थान देखने को मिले हैं, जिनमें शामिल हैं:
- महाबोधि सोसाइटी
- विपश्यना आंदोलन
- बी. आर. अम्बेडकर के नेतृत्व में दलित बौद्ध आंदोलन
1950 में तिब्बत पर चीनी कब्जे के बाद, तिब्बती शरणार्थियों और निर्वासित तिब्बती सरकार के भारत आने से तिब्बती बौद्ध धर्म का भी विकास हुआ है। 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में 84 लाख बौद्ध (कुल जनसंख्या का 0.70%) हैं।