
इद्धि
Iddhi
(Technical term in Buddhist doctrine and practice)
Summary
Iddhi: बौद्ध धर्म में मानसिक शक्तियाँ
"इद्धि" (Pali: Iddhi, Sanskrit: ऋद्धि), बौद्ध धर्म में "मानसिक शक्तियों" को संदर्भित करता है। यह छह अलौकिक शक्तियों (अभिज्ञा) में से एक है जिसे चार ध्यान (ध्यान) के माध्यम से उन्नत ध्यान द्वारा प्राप्त किया जाता है।
इद्धि का अर्थ:
"इद्धि" शब्द का मुख्य अर्थ "शक्ति" या "क्षमता" है। यह अलौकिक क्षमताओं को दर्शाता है जो ध्यान और मानसिक विकास के उच्च स्तर पर प्राप्त होती हैं।
इद्धि की प्राप्ति:
बौद्ध धर्म में, इद्धि को सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए एक लक्ष्य नहीं माना जाता है। यह ध्यान के माध्यम से मानसिक विकास के एक उप-उत्पाद के रूप में प्रकट होती है।
इद्धि के प्रकार:
इद्धि में विभिन्न अलौकिक क्षमताएं शामिल हैं, जैसे:
- दिव्य दृष्टि: सूक्ष्म और दूर की वस्तुओं को देखने की क्षमता।
- दिव्य श्रवण: सूक्ष्म और दूर की आवाज़ें सुनने की क्षमता।
- मन-पढ़ने: दूसरों के विचारों को जानने की क्षमता।
- पूर्व जन्मों का स्मरण: अपने पिछले जन्मों को याद करने की क्षमता।
- अन्तर्धान: अदृश्य होने और प्रकट होने की क्षमता।
- आकाश में उड़ना: गुरुत्वाकर्षण को नियंत्रित करने और उड़ान भरने की क्षमता।
इद्धि का महत्व:
हालांकि इद्धि आकर्षक लग सकती है, बौद्ध धर्म में इसका उपयोग केवल दूसरों की मदद करने और धर्म के प्रसार के लिए किया जाना चाहिए। इन्हें अहंकार या सांसारिक लाभ के लिए उपयोग नहीं करना चाहिए।
निष्कर्ष:
इद्धि बौद्ध धर्म में मानसिक शक्तियों का प्रतीक है जो ध्यान और मानसिक विकास के उच्च स्तर पर प्राप्त होती हैं। इन्हें सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए नहीं, बल्कि दूसरों की मदद करने और धर्म के प्रसार के लिए उपयोग किया जाना चाहिए।