
केरल में जैन धर्म
Jainism in Kerala
(Presence of Jainism in Kerala, in south India)
Summary
Info
Image
Detail
Summary
केरल में जैन धर्म: एक छोटा सा इतिहास
केरल, दक्षिण भारत में स्थित एक राज्य है, जहाँ जैन धर्म का अस्तित्व बहुत कम है (सिर्फ़ 0.01%). 2011 की जनगणना के मुताबिक, केरल में लगभग 4500 जैन हैं, जिनमें से अधिकांश कोचीन, कालीकट और वायनाड जिले में रहते हैं।
केरल में जैन धर्म का इतिहास:
- मध्ययुगीन जैन शिलालेख: इन शिलालेखों का पाया जाना मुख्य रूप से केरल की सीमा पर देखने को मिलता है जैसे उत्तर-पूर्व में वायनाड, पलघाट गैप में अलथूर और कन्याकुमारी जिले में चिथरल।
- "तिरुकुनवय" मंदिर: शिलालेखों के साक्ष्य बताते हैं कि "तिरुकुनवय" मंदिर, जो शायद कोचीन के पास स्थित था, मध्ययुगीन केरल (लगभग 9वीं शताब्दी ईस्वी) का मुख्य जैन मंदिर था। "तिरुकुनवय मंदिर के नियम" ने केरल के सभी अन्य जैन मंदिरों के लिए मॉडल और पूर्व उदाहरण प्रदान किए।
केरल में जैन धर्म का हिन्दू धर्म से मिलन:
- कई जैन मंदिरों को बाद के समय में हिंदुओं ने अपने धर्म में शामिल कर लिया।
- मंदिर की मूर्तियों को हिंदू देवताओं के रूप में पूजा जाता है और हिंदू देवताओं के पंथ का हिस्सा माना जाता है।
- हिंदुओं और जैनियों द्वारा एक ही मंदिर में अपने देवताओं की पूजा करना असामान्य नहीं है।
संक्षेप में:
केरल में जैन धर्म का इतिहास काफी पुराना है, लेकिन इसका अस्तित्व बहुत कम है। मध्ययुगीन समय में जैन धर्म के प्रमाण मिलते हैं, लेकिन बाद में जैन मंदिरों को हिंदुओं ने अपने धर्म में शामिल कर लिया। आज के समय में केरल में कुछ जैन मंदिर हैं, जहाँ हिंदू और जैन दोनों ही अपने देवताओं की पूजा करते हैं।
Jainism, one of the three most ancient Indian religious traditions still in existence, has very small presence (0.01%) in Kerala, in south India. According to the 2011 India Census, Kerala only has around 4500 Jains, most of them in the city of Cochin, Calicut and in Wayanad district.