
उज्जैन
Ujjain
(City in Madhya Pradesh, India)
Summary
उज्जैन: प्राचीन भारत की एक महत्वपूर्ण नगरी (Detailed Description in Hindi)
उज्जैन, जिसे प्राचीन काल में अवंतिका के नाम से जाना जाता था, मध्य प्रदेश राज्य के उज्जैन जिले में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी है। यह मध्य प्रदेश का पाँचवां सबसे बड़ा शहर है और उज्जैन जिले और उज्जैन संभाग का प्रशासनिक मुख्यालय भी है।
धार्मिक महत्व:
उज्जैन सप्त पुरियों में से एक है और यहाँ हर 12 साल में लगने वाला सिंहस्थ कुंभ मेला विश्व प्रसिद्ध है। यह नगरी भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, के लिए प्रसिद्ध है।
ऐतिहासिक महत्व:
उज्जैन प्राचीन काल से ही व्यापार और राजनीति का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। शिप्रा नदी के पूर्वी तट पर स्थित यह शहर, प्राचीन मालवा पठार का सबसे प्रमुख नगर था। 600 ईसा पूर्व के आसपास यह मध्य भारत का राजनीतिक केंद्र बनकर उभरा और सोलह महाजनपदों में से एक, अवंती साम्राज्य, की राजधानी बना।
18वीं शताब्दी में, जब रानोजी सिंधिया ने 1731 में अपनी राजधानी उज्जैन में स्थापित की, तो यह कुछ समय के लिए मराठा साम्राज्य के सिंधिया राज्य की राजधानी भी बना रहा। 19वीं शताब्दी की शुरुआत तक यह मध्य भारत का एक महत्वपूर्ण राजनीतिक, वाणिज्यिक और सांस्कृतिक केंद्र बना रहा, जब तक कि ब्रिटिश प्रशासकों ने इंदौर को इसके विकल्प के रूप में विकसित करने का फैसला नहीं किया।
आज भी, उज्जैन शैव, वैष्णव और शाक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल बना हुआ है।
पौराणिक महत्व:
पुराणों के अनुसार, हरिद्वार, नासिक और प्रयागराज के साथ, उज्जैन उन चार स्थानों में से एक है जहाँ समुद्र मंथन के दौरान गरुड़ द्वारा ले जाए जा रहे अमृत कलश (कुंभ) से अमृत की कुछ बूंदें गलती से गिर गई थीं।
आधुनिकीकरण:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख स्मार्ट सिटी मिशन के तहत उज्जैन को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किए जाने वाले सौ भारतीय शहरों में से एक के रूप में चुना गया है।
संक्षेप में:
उज्जैन, अपनी समृद्ध इतिहास, संस्कृति, धार्मिक महत्व और आधुनिक विकास के साथ, भारत के सबसे महत्वपूर्ण शहरों में से एक है।