
जैन प्रतीक
Jain symbols
(Symbols pertaining to Jainism)
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जैन प्रतीक
जैन प्रतीक जैन दर्शन पर आधारित प्रतीक हैं। ये प्रतीक जैन धर्म के मूल सिद्धांतों और विश्वासों को दर्शाते हैं।
जैन प्रतीकों के कुछ प्रमुख उदाहरण हैं:
- स्वास्तिक: स्वास्तिक का प्रयोग जैन धर्म में भी किया जाता है। यह प्रतीक शुभता, समृद्धि और आध्यात्मिक प्रगति का प्रतीक है।
- तिरंजना: तिरंजना एक पवित्र चिह्न है जो जैन धर्म में प्रार्थना और ध्यान के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एक त्रिभुज के आकार का होता है और इसमें तीन बिंदु होते हैं जो जैन धर्म के तीन रत्नों - सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान और सम्यक आचरण का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- ओम: ओम जैन धर्म में भी एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह ब्रह्मांड की शक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतीक है।
- शंख: शंख का प्रयोग जैन धर्म में धार्मिक समारोहों में किया जाता है। यह शुद्धता और मुक्ति का प्रतीक है।
- कमल: कमल का प्रयोग जैन धर्म में आध्यात्मिक विकास और ज्ञान को दर्शाने के लिए किया जाता है। यह शुद्धता और ज्ञान का प्रतीक है।
- मंदिर: जैन मंदिर जैन धर्म के केंद्र बिंदु होते हैं। इनमें भगवान महावीर और अन्य तीर्थंकरों की मूर्तियाँ रखी जाती हैं।
- ध्वजा: ध्वजा या झंडा जैन धर्म में एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह जैन धर्म के सिद्धांतों को दर्शाता है और आध्यात्मिक प्रगति का प्रतीक है।
इन प्रतीकों के अलावा, जैन धर्म में कई अन्य प्रतीक भी हैं जो विभिन्न विचारों और सिद्धांतों को दर्शाते हैं।
जैन प्रतीकों का महत्व:
जैन प्रतीक जैन धर्म के मूल सिद्धांतों और विश्वासों को समझने में मदद करते हैं। वे जैनियों को उनके धर्म के प्रति आस्था और समर्पण को दर्शाने में मदद करते हैं।
Jain symbols are symbols based on the Jain philosophy.