Panchami

पंचमी

Panchami

(Fifth day of the lunar fortnight in the Hindu calendar)

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पंचमी तिथि: हिन्दू चंद्र कैलेंडर का पाँचवाँ दिन

पंचमी (संस्कृत: पञ्चमी, रोमन लिपि में: Pañcamī) हिन्दू चंद्र कैलेंडर में पक्ष (पखवाड़ा) का पाँचवाँ दिन है।

हर महीने दो पक्ष होते हैं: शुक्ल पक्ष (चंद्रमा के बढ़ते हुए) और कृष्ण पक्ष (चंद्रमा के घटते हुए)। हर पक्ष में 15 तिथियाँ होती हैं, और पंचमी इन 15 तिथियों में से पाँचवाँ दिन है।

पंचमी तिथि का महत्व:

  • शास्त्रों के अनुसार, पंचमी तिथि को कई देवी-देवताओं से संबंधित माना जाता है, जैसे:
    • सरस्वती पंचमी: यह दिन माँ सरस्वती, ज्ञान और कला की देवी, को समर्पित है। इस दिन विद्यार्थी शिक्षा प्राप्ति के लिए माँ सरस्वती की पूजा करते हैं।
    • विष्णु पंचमी: यह दिन भगवान विष्णु, संरक्षण के देवता, को समर्पित है। इस दिन लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं।
    • स्‍कंद पंचमी: यह दिन कार्तिकेय (स्कंद), युद्ध के देवता, को समर्पित है।
  • कुछ धार्मिक अनुष्ठान और त्योहार पंचमी तिथि पर मनाए जाते हैं, जैसे:
    • सरस्वती पूजा: यह दिन माँ सरस्वती की पूजा करने के लिए समर्पित है।
    • विष्णु पूजा: यह दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए समर्पित है।
    • स्कंद षष्ठी: यह त्योहार कार्तिकेय (स्कंद) को समर्पित है।
  • पंचमी तिथि के दिन कुछ कार्य करने से बचना चाहिए, जैसे:
    • नया काम शुरू करना: माना जाता है कि पंचमी तिथि पर नया काम शुरू करने से बाधाएं आ सकती हैं।
    • यात्रा करना: पंचमी तिथि को यात्रा करने से भी बचना चाहिए।
    • महत्वपूर्ण निर्णय लेना: इस दिन महत्वपूर्ण निर्णय लेने से भी बचना चाहिए।

निष्कर्ष:

पंचमी तिथि हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह दिन कई देवी-देवताओं से संबंधित है, और इस दिन कई धार्मिक अनुष्ठान और त्योहार मनाए जाते हैं।


Panchami is the fifth day (tithi) of the fortnight (paksha) in the Hindu lunar calendar.



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